नयी दिल्ली. दिल्ली सरकार ने एकल उपयोग प्लास्टिक (SUP) पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के प्रति शुरुआती 10 दिनों के दौरान नरमी बरतने का फैसला किया है और ऐसे उत्पादों के इस्तेमाल के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिये बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है. एकल उपयोग प्लास्टिक के उन निर्माताओं को सरकार प्रोत्साहन देगी, जो हरित विकल्पों को अपनाना चाहेंगे.
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि व्यवसायों और मुद्रास्फीति पर कोविड के प्रभाव को देखते हुए लोगों को विकल्प प्रदान किए बिना प्रतिबंध लागू करना हानिकारक होगा. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा था कि प्रतिबंध ऐसे समय में प्रभावी हुआ है, जब बेरोजगारी दर ऊंची है. हालांकि पर्यावरण मंत्री राय ने कल ही लोगों को चेतावनी देते हुए कहा था कि 10 दिन के बाद प्लास्टिक बैन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा था, “इस फैसले से एसयूपी वस्तुओं के निर्माता, वितरक और विक्रेता प्रभावित हो सकते हैं. बहुत से लोगों के लिए अपना गुजारा करना मुश्किल होगा और ये लोग हमारे अपने लोग हैं.” एसयूपी वस्तुओं के विकल्प को बढ़ावा देने के लिए यहां त्यागराज स्टेडियम में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जा रहा है. रविवार को सरकार इन विकल्पों पर चर्चा करने के लिए ‘जोमैटो’ और ‘स्विगी’ जैसी खाद्य वितरण सेवाओं सहित सभी हितधारकों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित करेगी.
एसयूपी विकल्पों के प्रचार और बिक्री के लिए बाजारों में स्थापित होंगे ‘कियोस्क’
सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को एसयूपी विकल्पों के प्रचार और बिक्री के लिए बाजारों में ‘कियोस्क’ स्थापित करने के निर्देश भी जारी किए हैं। दिल्ली में प्रतिदिन 1,060 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। राजधानी में कुल ठोस कचरे का एसयूपी 5.6 प्रतिशत (या 56 किलो प्रति मीट्रिक टन) होने का अनुमान है.
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