दिल्ली में हर घंटे तकरीबन तीन महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़, लूटपाट, फब्ती कसना समेत कई अन्य तरह के अपराध हो रहे हैं. फोटो-न्यूज़18)
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में भी महिलाएं अब सुरक्षित नहीं हैं! महिलाओं के खिलाफ (Crimes against Women) बढ़ रहे अपराधों की गवाही खुद दिल्ली पुलिस के आंकड़े दे रहे हैं. पिछले 5-6 सालों से दिल्ली में हर घंटे तकरीबन तीन महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़, लूटपाट फब्ती कसना और किडनैपिंग समेत कई अन्य तरह के अपराध हो रहे हैं. महिला सुरक्षा को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखने वाली दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के तमाम प्रयासों के बाद भी यह आंकड़ा चौंका रहा है. संसद के मौजूदा सत्र के दौरान देश के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसको लेकर बयान जारी किया है. गृह राज्य मंत्री राय ने कहा है कि आंकड़े ऐसा नहीं दर्शाते कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ें हैं. इसके बावजूद दिल्ली पुलिस महिला अपराध को कम करने के लिए गंभीरता से काम कर रही है.
दिल्ली पुलिस की आंकड़ों की मानें तो राजधानी में पिछले साल तकरीबन 6 महिलाओं के साथ हर रोज बलात्कार की घटनाएं हुईं. 2021 की तुलना में 2022 में दुष्कर्म की घटनाओं में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. हालांकि, इस दौरान कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं. जैसे- महिलाओं के सुरक्षा के लिए थाना स्तर पर महिला सुरक्षा समिति बनाई गई है. प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क बनी है, जहां सिर्फ महिलाओं की शिकायत सुनी जाती है.
महिलाओं के खिलाफ के अपराध में दिल्ली की स्थिति
इसके बावजूद हाल के वर्षों में राजधानी में महिला अपराध में कुछ खास कमी नहीं आई है. दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में महिलाओं के साथ लूटपाट, छेड़छाड़, झपटमारी, फब्ती कसना जैसे मामलों में मामूली कमी आई है, लेकिन दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ गई हैं. साल 2021 में जहां दुष्कर्म की 2076 घटनाएं हुईं थीं, वहीं साल 2022 में दुष्कर्म के 2084 मामले दर्ज हुए हैं.
बीते 10 साल का रिकॉर्ड क्या कहता है
2018 से 2022 तक महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों को देखा जाए तो इनमें बलात्कार के मामलों में कुछ ज्यादा अंतर नहीं आया है. साल 2017 से हर रोज तकरीबन पांच से छह महिलाएं दुष्कर्म से पीड़ित हो रही हैं. वहीं, छेड़छाड़ के आंकड़ों में भी थोड़-बहुत उतार चढ़ाव होता रहता है. महिलाओं को फब्ती कसना, लूट और चेन झपटमारी के आंकड़ें में थोड़ी कमी जरूर आई है.
ये भी पढ़ें: Gold News: सोना बेचने के नए नियम के विरोध में उतरे कारोबारी, ज्वैलरी खरीदने जा रहे हैं तो अब इस बात का रखें ख्याल
साल 2018 के बाद तकरीबन हर एक घंटे में दो महिलाएं अपने खिलाफ अपराध का मामला दर्ज कराने थाने आ रही हैं. वहीं, साल 2019 में हर दिन राजधानी में 19 से 20 महिलाएं दुष्कर्म, लूट फब्ती कसना और झपटमारी की एफआईआर दर्ज कराईं. राजधानी में 2020 से 2022 तक हर दिन 20 से 25 महिलाएं किसी ना किसी तरह के अपराध का शिकार बन रही हैं. साल 2022 में 16 महिलाएं हर दिन बलात्कार, छेड़छाड़, लूट और झपटमारी का शिकार हुईं.
.
Tags: Crime against women, Delhi news update, Delhi police, Loot, MHA
iPhone 14 पर छप्परफाड़ डिस्काउंट, Flipkart दे रहा है ऑफर, मात्र 31,000 में खरीद सकते हैं फोन
UPSC Toppers: 10 सालों में कितनी लड़कियों ने किया टॉप, क्या हैं सफलता के राज?
ये हैं 500 रुपये से भी कम में आने वाले स्मार्ट बल्ब, आवाज देने से होते हैं बंद-चालू, रंग भी बदलते हैं, पड़ोसी देखकर हो जाएंगे इंप्रेस!