फिर जहरीली हुई दिल्ली की हवा, कुछ इलाकों में AQI 400 के पार, और बढ़ेगा प्रदूषण
News18Hindi Updated: November 21, 2019, 9:16 AM IST

मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली संस्था स्काईमेट ने पहले ही बताया था कि हिमालय के क्षेत्र में कम दबाव के चलते हवाओं के वेग पर खासा असर पड़ेगा, जिसके चलते दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ाेतरी देखी जाएगी. (फाइल फोटो)
हवा की गति कम होने के चलते तेजी से बढ़ रहा है प्रदूषण (Pollution) का स्तर, नोएडा (Noida) और गाजियाबाद में भी हाल खराब.
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- Last Updated: November 21, 2019, 9:16 AM IST
नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में एक बार फिर लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. दो दिन हवा के कुछ ठीक रहने के बाद एक बार फिर प्रदूषण (Pollution) का स्तर बेहद खराब स्थिति में आ गया है. मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली संस्था स्काईमेट (Skymet) के अनुसार, दक्षिण हिमालय के क्षेत्र में बदल रहे मौसम के चलते हवा की रफ्तार राजधानी और आसपास के इलाकों में कम रहेगी, जिसके चलते प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ेगा. दिल्ली में इसका असर बुधवार से ही दिखने लगा था जो गुरुवार को गंभीर स्थिति में पहुंच गया. कई इलाकों में AQI का स्तर गुरुवार सुबह 400 से भी ऊपर दर्ज किया गया.
आनंद विहार, बवाना और अशोक विहार के हाल खराब
दिल्ली की बात की जाए तो आनंद विहार, बवाना और अशोक विहार के हाल सबसे ज्यादा खराब दिखे. अशोक विहार में जहां पीएम 2.5 का स्तर 410 पर पहुंच गया, वहीं बवाना में यह 405 दर्ज किया गया. अशोक विहार में यह 387 दर्ज किया गया. इसी के साथ आईटीओ, लोधी रोड, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, मंदिर मार्ग, जहांगीर पुरी में भी हालात खराब रहे.
नोएडा और गाजियाबाद में भी हालात खराब
एनसीआर में नोएडा और गाजियाबाद में भी स्थिति बदतर के स्तर पर पहुंचती दिखी. इंदिरापुरम में पीएम 2.5 का एक्यूआई स्तर 411 दर्ज किया गया. वहीं, नोएडा में यह 389 और ग्रेटर नोएडा में यह 403 दर्ज किया गया. गाजियाबाद लोनी के हालात और भी खराब रहे यहां पर एक्यूआई का स्तर 411 पहुंच गया.
प्रमुख इलाकों में पॉल्यूशन का हाल (पीएम 2.5)
हवा नहीं चलने से बढ़ेगा प्रदूषण
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली संस्था स्काईमेट ने पहले ही बताया था कि हिमालय के क्षेत्र में कम दबाव के चलते हवाओं के वेग पर खासा असर पड़ेगा, जिसके चलते दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ाेतरी देखी जाएगी. इसका सबसे खराब हाल 21 और 22 नवंबर को देखने को मिल सकता है. स्काईमेट के अनुसार, यह स्थिति आने वाले दिनों में और भी खराब हो सकती है. दिल्ली के साथ-साथ ही नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी हालात बदतर हो सकते हैं.
राष्ट्रपति ने भी जताई थी चिंता
दिल्ली में बढ़ते पॉल्यूशन को देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी चिंता जता चुके हैं. उन्होंने मंगलवार को कहा था कि ऐसे हालात को देखते हुए भविष्य की चिंता होती है और अस्तित्व का खतरा नजर आता है. राष्ट्रपति कोविंद ने यह बात राष्ट्रपति भवन में विजिटर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान कही थी. उन्होंने कहा, 'यह साल का ऐसा वक्त है जब देश की राजधानी और कई अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता मानकों से परे काफी खराब हो गई है. कई वैज्ञानिकों ने भविष्य की दुखद तस्वीर पेश की है. शहरों में धुंध और खराब दृश्यता के दिनों में हमें डर रहता है कि क्या भविष्य ऐसा ही है.'
ये भी पढ़ेंः दिल्ली से ज्यादा जहरीली है पटना और मुजफ्फरपुर की हवा, जानें क्या है वजह
आनंद विहार, बवाना और अशोक विहार के हाल खराब
दिल्ली की बात की जाए तो आनंद विहार, बवाना और अशोक विहार के हाल सबसे ज्यादा खराब दिखे. अशोक विहार में जहां पीएम 2.5 का स्तर 410 पर पहुंच गया, वहीं बवाना में यह 405 दर्ज किया गया. अशोक विहार में यह 387 दर्ज किया गया. इसी के साथ आईटीओ, लोधी रोड, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, मंदिर मार्ग, जहांगीर पुरी में भी हालात खराब रहे.
Delhi: Air quality index (AQI) data as per Central Pollution Control Board (CPCB) this morning - major pollutant PM 2.5 at 297 ('Poor' category) at Lodhi Road and at 346 ('Very Poor' category) in the area around Jawaharlal Nehru Stadium. pic.twitter.com/KdOX4jEhlZ
— ANI (@ANI) November 21, 2019
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एनसीआर में नोएडा और गाजियाबाद में भी स्थिति बदतर के स्तर पर पहुंचती दिखी. इंदिरापुरम में पीएम 2.5 का एक्यूआई स्तर 411 दर्ज किया गया. वहीं, नोएडा में यह 389 और ग्रेटर नोएडा में यह 403 दर्ज किया गया. गाजियाबाद लोनी के हालात और भी खराब रहे यहां पर एक्यूआई का स्तर 411 पहुंच गया.
प्रमुख इलाकों में पॉल्यूशन का हाल (पीएम 2.5)
- बुराडी क्रोसिंग 358
- द्वारका सेक्टर 8 364
- आईटीओ 370
- जहांगीर पुरी 369
- जेएलएन स्टेडियम 346
- मंदिर मार्ग 342
हवा नहीं चलने से बढ़ेगा प्रदूषण
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली संस्था स्काईमेट ने पहले ही बताया था कि हिमालय के क्षेत्र में कम दबाव के चलते हवाओं के वेग पर खासा असर पड़ेगा, जिसके चलते दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ाेतरी देखी जाएगी. इसका सबसे खराब हाल 21 और 22 नवंबर को देखने को मिल सकता है. स्काईमेट के अनुसार, यह स्थिति आने वाले दिनों में और भी खराब हो सकती है. दिल्ली के साथ-साथ ही नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी हालात बदतर हो सकते हैं.
राष्ट्रपति ने भी जताई थी चिंता
दिल्ली में बढ़ते पॉल्यूशन को देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी चिंता जता चुके हैं. उन्होंने मंगलवार को कहा था कि ऐसे हालात को देखते हुए भविष्य की चिंता होती है और अस्तित्व का खतरा नजर आता है. राष्ट्रपति कोविंद ने यह बात राष्ट्रपति भवन में विजिटर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान कही थी. उन्होंने कहा, 'यह साल का ऐसा वक्त है जब देश की राजधानी और कई अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता मानकों से परे काफी खराब हो गई है. कई वैज्ञानिकों ने भविष्य की दुखद तस्वीर पेश की है. शहरों में धुंध और खराब दृश्यता के दिनों में हमें डर रहता है कि क्या भविष्य ऐसा ही है.'
ये भी पढ़ेंः दिल्ली से ज्यादा जहरीली है पटना और मुजफ्फरपुर की हवा, जानें क्या है वजह
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First published: November 21, 2019, 8:44 AM IST
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