Delhi News: ISIS से जुड़े दिल्ली हिंसा के आरोपियों को मारने की साजिश के तार, जांच में नया खुलासा

पिछले साल दिल्ली में हुए थे दंगे. (File pic)
तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली हिंसा के हिंदू आरोपियों को मारने के लिए जेल के अंदर आरोपी ने 100 थर्मामीटर खरीदे थे, फिर उन्हें तोड़कर मर्करी इकट्ठा किया था.
- News18Hindi
- Last Updated: March 5, 2021, 3:05 PM IST
नई दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा (North-East Delhi Violence) में शामिल हिंदू आरोपियों को मारने की साजिश के तार अब ISIS से जुड़ने लगे हैं. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने इस एंगल से जांच भी शुरू कर दी है.
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में शामिल हिंदू आरोपियों को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में ही मारने की साजिश का भंडाफोड़ किया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली हिंसा के हिन्दू आरोपियों को मर्करी (पारा) देकर मारने की साजिश रची गई थी. इसके लिए आरोपी असलम ने हत्या की प्लानिंग के लिए पहले 100 थर्मामीटर खरीदे थे.
पुलिस का दावा है कि इन थर्मामीटर को तोड़ कर इसका पारा इकट्ठा किया गया था. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के मुताबिक, तिहाड़ जेल में बंद शाहिद और जेल के बाहर से असलम ने यह साजिश रची थी. साजिश के तहत असलम ने जेल में ही शाहिद को मर्करी पहुंचाया था. स्पेशल सेल के मुताबिक, असलम इसे जेल के अंदर भेजने की फिराक मे था, उसके पहले ही दिल्ली पुलिस ने उसकी साजिश नाकाम कर दी. तिहाड़ जेल सूत्रों ने भी माना की इस मामले में एक आरोपी जेल के अंदर और एक बाहर था. हालांकि, मर्करी को जेल के अंदर नहीं लाया जा सका. मामले की आंतरिक जांच की जा रही है.
बता दें कि इस मामले में स्पेशल सेल के राडार पर ISIS के 2 आतंकी भी हैं. दोनों आतंकी फिलहाल तिहाड़ जेल में ही बंद हैं. स्पेशल सेल की पूछताछ में मामले के एक आरोपी शाहिद ने ISIS के आतंकियों के नाम का खुलासा करते हुए बताया की जेल में बंद ISIS के 2 आतंकी मुफ़्ती अब्दुस शमी और अजीमुशान ने उसको जेल में रेडिक्लाइज किया था. इसके बाद शाहिद ने तिहाड़ जेल में बंद नार्थ-ईस्ट दिल्ली हिंसा के आरोपी अंकित हिमांशु और राहुल की मर्करी के जरिए हत्या करने साजिश रची थी.ISIS के इन दोनों आतंकियों को साल 2016 में हरिद्वार के अर्धकुंभ मेले में बम ब्लास्ट करने की साजिश में स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. NIA भी इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. ISIS एंगल पर मामले की जांच जारी है. स्पेशल सेल से जुड़े सूत्रों ने इस मामले में कुछ और खुलासे होने की बात कही है.
हिंसा में 53 लोगों की जान गई थी
बीते साल 23 फरवरी को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले के जाफराबाद इलाके में अचानक दोपहर 3 बजे के बाद दंगा भड़क गया था, जिसकी आग पूरे जिले में तेजी से फैल गई थी. इसमें 53 लोगों की जान भी चली गई. इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारी अंकित और दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल भी दंगों का शिकार हुए थे.
कड़कड़डूमा की स्पेशल कोर्ट में चल रही है सुनवाई
23 फरवरी से शुरू होकर कई दिन तक चली इस हिंसा में दिल्ली पुलिस ने कुल 751 एफआईआर दर्ज कर चुकी है. दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में हिंसा मामलों पर बनी स्पेशल कोर्ट में लगातार सुनवाई भी चल रही है. हिंसा के मास्टरमाइंड माने जाने वाले आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कांग्रेस पार्टी की पूर्व पार्षद इशरत जहां अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट पर अभी सुनवाई जारी है.
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में शामिल हिंदू आरोपियों को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में ही मारने की साजिश का भंडाफोड़ किया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली हिंसा के हिन्दू आरोपियों को मर्करी (पारा) देकर मारने की साजिश रची गई थी. इसके लिए आरोपी असलम ने हत्या की प्लानिंग के लिए पहले 100 थर्मामीटर खरीदे थे.
पुलिस का दावा है कि इन थर्मामीटर को तोड़ कर इसका पारा इकट्ठा किया गया था. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के मुताबिक, तिहाड़ जेल में बंद शाहिद और जेल के बाहर से असलम ने यह साजिश रची थी. साजिश के तहत असलम ने जेल में ही शाहिद को मर्करी पहुंचाया था. स्पेशल सेल के मुताबिक, असलम इसे जेल के अंदर भेजने की फिराक मे था, उसके पहले ही दिल्ली पुलिस ने उसकी साजिश नाकाम कर दी. तिहाड़ जेल सूत्रों ने भी माना की इस मामले में एक आरोपी जेल के अंदर और एक बाहर था. हालांकि, मर्करी को जेल के अंदर नहीं लाया जा सका. मामले की आंतरिक जांच की जा रही है.
हिंसा में 53 लोगों की जान गई थी
बीते साल 23 फरवरी को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले के जाफराबाद इलाके में अचानक दोपहर 3 बजे के बाद दंगा भड़क गया था, जिसकी आग पूरे जिले में तेजी से फैल गई थी. इसमें 53 लोगों की जान भी चली गई. इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारी अंकित और दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल भी दंगों का शिकार हुए थे.
कड़कड़डूमा की स्पेशल कोर्ट में चल रही है सुनवाई
23 फरवरी से शुरू होकर कई दिन तक चली इस हिंसा में दिल्ली पुलिस ने कुल 751 एफआईआर दर्ज कर चुकी है. दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में हिंसा मामलों पर बनी स्पेशल कोर्ट में लगातार सुनवाई भी चल रही है. हिंसा के मास्टरमाइंड माने जाने वाले आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कांग्रेस पार्टी की पूर्व पार्षद इशरत जहां अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट पर अभी सुनवाई जारी है.