Alert: ताजमहल, आगरा किला बचाने को यमुना नदी में शुरु होंगे यह 5 काम, संसद में उठा मामला

एएसआई की विज्ञान शाखा भी इस मामले में अपनी रिपोर्ट दे चुकी है.
गौरतलब रहे कि यमुना की गाद में पनपने वाला गोल्डी काइरोनोमस (Goldy Chironomus) नाम का कीड़ा इससे पहले भी कई बार ताजमहल पर हमला बोल चुका है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 9, 2021, 3:08 PM IST
नई दिल्ली. वर्ल्ड हैरीटेज ताजमहल (Taj Mahal) और आगरा किला (Agra Fort)-एत्माद्दौला के लिए खतरा पैदा हो गया है. ताजमहल की बुनियाद मानी जाने वाली यमुना नदी (Yamuna River) ही उसके लिए खतरा बन गई है. राहत की बात यह है कि फतेहपुर सीकरी (Fatehpur Sikri) इस खतरे से बाहर है. 8 फरवरी को सरकार ने संसद (Parliament) में यह जानकारी दी है. सरकार ने यह भी बताया है कि ताजमहल समेत सभी तीन इमारतों को बचाने के लिए यमुना नदी में 5 काम शुरु कराने होंगे. जिसमे यमुना नदी की डिसिल्टिंग भी शामिल है.
दिल्ली के प्रोफेसर बीआर सिंह का कहना है कि गोल्डी काइरोनोमस दलदली जगह में पैदा होता है. ताजमहल यमुना के किनारे बना हुआ है. जैसे ही गर्मियों में पानी कम होता है और यमुना में कीचड़ और काई जैसी दलदल बनने लगती है तो गोल्डी काइरोनोमस तेजी से पनपने लगता है. ये काई के रंग जैसा ही हरे रंग का होता है.
एएसआई की विज्ञान शाखा बोली-इन 5 काम से खत्म होगा कीड़ाभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभग की विज्ञान शाक्षा के मुताबिक ताजमहल, आगरा किला और एत्माद्दौला को इस खतरे से बचाने के लिए यमुना नदी में खासी गहराई तक जमा गाद को बाहर निकालना होगा. नदी के किनारे पर उगी खरपतवार को हटाना होगा. खरपतवार की पैदावार पर रोक लगानी होगी. यमुना नदी में पानी छोड़ना होगा. लगातार पानी के बहाव को बनाए रखना होगा. इसके साथ ही स्मारकों की बेहतर सफाई और संरक्षण पर भी खास ध्यान देना होगा.
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यूपीपीसीबी भी कर चुका है यह खुलासा
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की साल 2018 की वार्षिक रिपोर्ट ने खुलासा करते हुए कहा था कि यमुना सबसे ज्यादा गंदी ताजमहल के पास ही है. जिसकी एक बड़ी वजह पानी की कमी है. यहां यमुना ज्यादातर दलदली हालत में रहती है. जिसके चलते ये कीड़ा पनपता है.

ऐसे नुकसान पहुंचा रहा है गोल्डी काइरोनोमस
प्रोफेसर बीआर सिंह बताते हैं कि हरे रंग के इस कीड़े गोल्डी काइरोनोमस को दूसरे रंग बहुत प्रभावित करते हैं. ताजमहल की दीवारों पर रंग-बिरंगे नक्कशी वाले फूल बने हुए हैं. फूलों के रंग ही गोल्डी काइरोनोमस कसे अपनी ओर आकर्षित करते हैं. जब गोल्डी काइरोनोमस इन फूल पर बैठता है तो वहां ये मल त्याग भी करता है. इसके मल का रंग भी हरा होता है. ये ही मल ताज की दीवारों पर चिपक रहा है और उसे हरे रंग का बना रहा है.
दिल्ली के प्रोफेसर बीआर सिंह का कहना है कि गोल्डी काइरोनोमस दलदली जगह में पैदा होता है. ताजमहल यमुना के किनारे बना हुआ है. जैसे ही गर्मियों में पानी कम होता है और यमुना में कीचड़ और काई जैसी दलदल बनने लगती है तो गोल्डी काइरोनोमस तेजी से पनपने लगता है. ये काई के रंग जैसा ही हरे रंग का होता है.
एएसआई की विज्ञान शाखा बोली-इन 5 काम से खत्म होगा कीड़ाभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभग की विज्ञान शाक्षा के मुताबिक ताजमहल, आगरा किला और एत्माद्दौला को इस खतरे से बचाने के लिए यमुना नदी में खासी गहराई तक जमा गाद को बाहर निकालना होगा. नदी के किनारे पर उगी खरपतवार को हटाना होगा. खरपतवार की पैदावार पर रोक लगानी होगी. यमुना नदी में पानी छोड़ना होगा. लगातार पानी के बहाव को बनाए रखना होगा. इसके साथ ही स्मारकों की बेहतर सफाई और संरक्षण पर भी खास ध्यान देना होगा.
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यूपीपीसीबी भी कर चुका है यह खुलासा
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की साल 2018 की वार्षिक रिपोर्ट ने खुलासा करते हुए कहा था कि यमुना सबसे ज्यादा गंदी ताजमहल के पास ही है. जिसकी एक बड़ी वजह पानी की कमी है. यहां यमुना ज्यादातर दलदली हालत में रहती है. जिसके चलते ये कीड़ा पनपता है.
ऐसे नुकसान पहुंचा रहा है गोल्डी काइरोनोमस
प्रोफेसर बीआर सिंह बताते हैं कि हरे रंग के इस कीड़े गोल्डी काइरोनोमस को दूसरे रंग बहुत प्रभावित करते हैं. ताजमहल की दीवारों पर रंग-बिरंगे नक्कशी वाले फूल बने हुए हैं. फूलों के रंग ही गोल्डी काइरोनोमस कसे अपनी ओर आकर्षित करते हैं. जब गोल्डी काइरोनोमस इन फूल पर बैठता है तो वहां ये मल त्याग भी करता है. इसके मल का रंग भी हरा होता है. ये ही मल ताज की दीवारों पर चिपक रहा है और उसे हरे रंग का बना रहा है.