पढ़ें खानकाहे बरकातिया ने क्या कहा पाकिस्तान के लिए

फोटो- खानकाहे बरकातिया, एटा.
यूपी में एटा ज़िले के मारहरा कस्बे में ये मदरसा है, जहां शनिवार को दर्जनों मौलवियों ने मदरसों के बच्चों के साथ जुलूस निकाला.
- News18Hindi
- Last Updated: February 18, 2019, 7:05 PM IST
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से हर हिन्दुस्तानी गुस्से में है. लोग जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पाकिस्तान और आतंकियों के पुतले फूंके जा रहे हैं. साथ ही पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग भी की जा रही है.
सड़कों पर उतरकर जुलूस भी निकाले जा रहे हैं. एटा स्थित मारहरा कस्बा में भी शनिवार की शाम एक जुलूस निकाला गया. हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के लिए दुआएं की गईं. खानकाह-ए- बरकातिया के मदरसे से निकले मौलवियों ने आतंकवादियों के हमले का विरोध करते हुए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए.
दरगाह शरीफ के सज्जादानशीं सैयद नजीब हैदर नूरी के नेतृत्व में मदरसा जामिया अहसनुल बरकात के सैकड़ों छात्रों व अध्यापकों द्वारा कस्बे में जुलूस निकाला गया. मदरसे के छात्र आतंकवाद मुर्दाबाद व पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे. छात्रों के हाथों में नारे लिखी तख्तियां भी थीं.
जुलूस कस्बे के कई स्थानों से होता हुआ खानकाह-ए-बरकातिया स्थित गुलशन-ए-बरकात पार्क पहुचा. जहां सैयद नजीब हैदर नूरी ने इस हमले में शहीद हुए जवानों की विधवाओं के लिए भारत सरकार से एक-एक करोड़ रुपये व परिजनों को सरकारी नौकरी देने की मांग की. साथ ही उन्होंने इस हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिजनों के साथ हमेशा खड़े होने का वायदा किया.इस मौके पर मदरसे के छात्रों ने कहा कि जो भी हमारे मुल्क की तरफ नापाक निगाहों से देखेगा तो हम हिन्दुस्तानी मुसलमान उसकी ईंट से ईंट बजा देंगे. आतंकवाद के खिलाफ बोलते हुए दरगाह शरीफ के सज्ज़ादानशीं सैयद नजीब हैदर नूरी ने कहा कि हम अपनी खून की एक-एक बूंद इस मुल्क के लिए तैयार रखेंगे यह हमारा मुल्क है अपने मुल्क की हिफाजत करना हमारा फर्ज है.
वह कहते हैं, 'हम पाकिस्तान को बता देना चाहते हैं हिन्दुस्तान का मुसलमान कल भी अपने मुल्क के साथ था, आज भी अपने मुल्क के साथ है और आने वाले दिनों में भी अपने मुल्क के साथ रहेगा. अगर हमारे मुल्क की तरफ निगाह उठाकर देखी गई तो हम मुसलमान यह ताकत रखते हैं कि उसकी ईंट से ईंट बजा देंगे.'
परवेज ज़ुबैरी ने कहा कि आतंकवाद किसी का मजहब नही होता. आपने देखा होगा पाकिस्तान, ईरान, ईराक में मस्जिदों में बम फोड़े जाते हैं. आतंकवाद से मुसलमानों का सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ है. हम लोगों को इनके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है. हम इस संकट की घड़ी में अपने देश और भारत सरकार के साथ है.'
मदरसा जामिया अहसनुल बरकात के प्रिंसिपल मौलाना इक़बाल नूरी ने कहा कि दहशतगर्दों को एक ऐसा सबक सिखाए ताकि आइंदा कोई आतंकी हमला करने की न सोचे. हमारा मुल्क अमनो अमान का मुल्क है. उन्होंने कहा, 'हमारा मजहब इस्लाम मौहब्बत का पैगाम देता है. आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता. आतंकी कभी मस्जिद पर हमला करते हैं, तो कभी खानकाहों पर. हमारी सेना जब सरहदों पर अपनी नींदे कुर्बान करती हैं तब हम चैन की नींद सोते हैं. हमारा यह मुल्क एक पेड़ है और यहा रहने वाले हर मजहब के लोग उस पेड़ की शाखाएं हैं. हमे इस पेड़ की हिफाजत करनी है.'
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सड़कों पर उतरकर जुलूस भी निकाले जा रहे हैं. एटा स्थित मारहरा कस्बा में भी शनिवार की शाम एक जुलूस निकाला गया. हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के लिए दुआएं की गईं. खानकाह-ए- बरकातिया के मदरसे से निकले मौलवियों ने आतंकवादियों के हमले का विरोध करते हुए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए.
दरगाह शरीफ के सज्जादानशीं सैयद नजीब हैदर नूरी के नेतृत्व में मदरसा जामिया अहसनुल बरकात के सैकड़ों छात्रों व अध्यापकों द्वारा कस्बे में जुलूस निकाला गया. मदरसे के छात्र आतंकवाद मुर्दाबाद व पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे. छात्रों के हाथों में नारे लिखी तख्तियां भी थीं.
जुलूस कस्बे के कई स्थानों से होता हुआ खानकाह-ए-बरकातिया स्थित गुलशन-ए-बरकात पार्क पहुचा. जहां सैयद नजीब हैदर नूरी ने इस हमले में शहीद हुए जवानों की विधवाओं के लिए भारत सरकार से एक-एक करोड़ रुपये व परिजनों को सरकारी नौकरी देने की मांग की. साथ ही उन्होंने इस हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिजनों के साथ हमेशा खड़े होने का वायदा किया.इस मौके पर मदरसे के छात्रों ने कहा कि जो भी हमारे मुल्क की तरफ नापाक निगाहों से देखेगा तो हम हिन्दुस्तानी मुसलमान उसकी ईंट से ईंट बजा देंगे. आतंकवाद के खिलाफ बोलते हुए दरगाह शरीफ के सज्ज़ादानशीं सैयद नजीब हैदर नूरी ने कहा कि हम अपनी खून की एक-एक बूंद इस मुल्क के लिए तैयार रखेंगे यह हमारा मुल्क है अपने मुल्क की हिफाजत करना हमारा फर्ज है.
वह कहते हैं, 'हम पाकिस्तान को बता देना चाहते हैं हिन्दुस्तान का मुसलमान कल भी अपने मुल्क के साथ था, आज भी अपने मुल्क के साथ है और आने वाले दिनों में भी अपने मुल्क के साथ रहेगा. अगर हमारे मुल्क की तरफ निगाह उठाकर देखी गई तो हम मुसलमान यह ताकत रखते हैं कि उसकी ईंट से ईंट बजा देंगे.'
परवेज ज़ुबैरी ने कहा कि आतंकवाद किसी का मजहब नही होता. आपने देखा होगा पाकिस्तान, ईरान, ईराक में मस्जिदों में बम फोड़े जाते हैं. आतंकवाद से मुसलमानों का सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ है. हम लोगों को इनके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है. हम इस संकट की घड़ी में अपने देश और भारत सरकार के साथ है.'
मदरसा जामिया अहसनुल बरकात के प्रिंसिपल मौलाना इक़बाल नूरी ने कहा कि दहशतगर्दों को एक ऐसा सबक सिखाए ताकि आइंदा कोई आतंकी हमला करने की न सोचे. हमारा मुल्क अमनो अमान का मुल्क है. उन्होंने कहा, 'हमारा मजहब इस्लाम मौहब्बत का पैगाम देता है. आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता. आतंकी कभी मस्जिद पर हमला करते हैं, तो कभी खानकाहों पर. हमारी सेना जब सरहदों पर अपनी नींदे कुर्बान करती हैं तब हम चैन की नींद सोते हैं. हमारा यह मुल्क एक पेड़ है और यहा रहने वाले हर मजहब के लोग उस पेड़ की शाखाएं हैं. हमे इस पेड़ की हिफाजत करनी है.'
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