यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक्सीडेंट रोकने के IIT Delhi के इन सुझावों को नहीं मान रही है कंपनी

हादसों को लेकर सख्त हुई यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी. (File Photo)
कंपनी पर आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) की सिफारिशों को न मानने का आरोप है. कुछ समय पहले आईआईटी दिल्ली और सीआरआरआई (CRRI) ने एक्सप्रेस-वे पर एक्सीडेंट रोकने के लिए कुछ सुझाव दिए थे;
- News18Hindi
- Last Updated: February 25, 2021, 10:20 AM IST
नोएडा. वैसे तो यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) पर आए दिन एकसीडेंट (Accident) की घटनाएं सामने आती ही रहती हैं. लेकिन बुधवार को एक्सप्रेस-वे पर एक और भीषण हादसा हो गया. इस हादसे में कार सवार एक बच्चे समेत सात लोगों की मौत हो गई. कार के ऊपर टैंकर पलटने से यह हादसा हादसा हुआ. जबकि दोनों ही वाहन अलग-अलग साइड में चल रहे थे. सेंट्रल वर्ज में क्रैश बैरियर नहीं होने से यह हादसा हुआ है. यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yeda) ने संबंधित कंपनी को इसके लिए जिम्मेदार माना है. ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के बीटा-2 थाने में कंपनी के खिलाफ शिकायत दी गई है.
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का आरोप है कि कंपनी की लापरवाही मुसाफिरों पर भारी पड़ रही है. जानबूझकर एक्सप्रेस-वे के सेंट्रल वर्ज में क्रैश बैरियर नहीं लगवाए गए हैं. जबकि इस दौरान एक्सप्रेसवे पर टोल वसूला जा रहा है. लेकिन जरूरी उपाय अपनाने के लिए टोल से वसूली गई रकम खर्च नहीं की जा रही है. कंपनी जानबूझकर आईआईटी दिल्ली द्वारा दिए गए सुझावों से जुड़े कार्य तय वक्त में पूरा नहीं करा रही है. लगातार प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने का वक्त बदला जा रहा है.
यह सुझाव दिए थे आईआईटी दिलली और सीआरआरआई ने
आईआईटी दिल्ली और सीआरआरआई ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर एकसीडेंट रोकने के लिए कुछ सुझाव दिए थे. इसमे से एक अहम सुझाव यह भी था कि सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बैरियर भी लगाए जाएं. जिससे की एक्सीडेंट होने पर एक साइड का वाहन दूसरी साइड पर जाकर जानलेवा न बन जाए. इसके साथ ही यह भी कहा था कि दो टोल बूथ के बीच में औसत स्पीड तय की गणना की जाये और जो इसका उल्लंघन करे उस पर फाइन लगाया जाये.शहर के कूड़े से ऐसे बनाई जाएंगी ईंट और टाइल्स, बिजनेस के साथ प्रदूषण भी होगा कम
एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह पर स्पीड कैमरे के विषय में लिखा जाए जिससे वाहन चालक को फाइन और कार्रवाई का डर बना रहे. प्रतिदिन एक्सप्रेसवे के अलग-अलग स्थानों पर स्पीडिंग और जिगजैगिंग की चैकिंग के लिये पेट्रोल वाहन होने चाहिए. प्रतिदिन एक्सप्रेसवे के अलग-अलग स्थानों पर स्पीडिंग और जिगजैगिंग की चैकिंग के लिये पेट्रोल वाहन होने चाहिए.

ऐसे वाहन जो एक्सप्रेसवे के किनारे रूक जाते हैं, उन पर रोक लगनी चाहिए. टोल बूथ पर प्रतिदिन किन्हीं भी वाहन चालकों की मदिरापान की चैकिंग होनी चाहिए. यातायात नियमों के एनफोर्समेन्ट के लिये यह पहल यूपी पुलिस द्वारा की जानी है.
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का आरोप है कि कंपनी की लापरवाही मुसाफिरों पर भारी पड़ रही है. जानबूझकर एक्सप्रेस-वे के सेंट्रल वर्ज में क्रैश बैरियर नहीं लगवाए गए हैं. जबकि इस दौरान एक्सप्रेसवे पर टोल वसूला जा रहा है. लेकिन जरूरी उपाय अपनाने के लिए टोल से वसूली गई रकम खर्च नहीं की जा रही है. कंपनी जानबूझकर आईआईटी दिल्ली द्वारा दिए गए सुझावों से जुड़े कार्य तय वक्त में पूरा नहीं करा रही है. लगातार प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने का वक्त बदला जा रहा है.
यह सुझाव दिए थे आईआईटी दिलली और सीआरआरआई ने
एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह पर स्पीड कैमरे के विषय में लिखा जाए जिससे वाहन चालक को फाइन और कार्रवाई का डर बना रहे. प्रतिदिन एक्सप्रेसवे के अलग-अलग स्थानों पर स्पीडिंग और जिगजैगिंग की चैकिंग के लिये पेट्रोल वाहन होने चाहिए. प्रतिदिन एक्सप्रेसवे के अलग-अलग स्थानों पर स्पीडिंग और जिगजैगिंग की चैकिंग के लिये पेट्रोल वाहन होने चाहिए.
ऐसे वाहन जो एक्सप्रेसवे के किनारे रूक जाते हैं, उन पर रोक लगनी चाहिए. टोल बूथ पर प्रतिदिन किन्हीं भी वाहन चालकों की मदिरापान की चैकिंग होनी चाहिए. यातायात नियमों के एनफोर्समेन्ट के लिये यह पहल यूपी पुलिस द्वारा की जानी है.