लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 403 सीटों में 143 सीट ऐसी हैं, जहां पर मुस्लिम मतदाताओं (Muslim Voters) की संख्या खासी है, ये मतदाता चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हार जीत तक तय कर सकते हैं, इसके बावजूद इन 143 सीटों में से वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में 111 सीटें भाजपा जीतीं थीं. खास बात यह रही थी कि देवबंद जैसी सीट भी भाजपा ने कब्जा किया था. यह भी तब है, जब भाजपा (BJP) ने एक भी मुस्लिम उम्मीवार को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं नहीं दिया था, जबकि सपा (SP) ,बसपा(BSP) और कांग्रेस (Congress) ने खासी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे. जानकरों के अनुसार वही समीकरण इस बार भी बन रहे हैं. घोषित उम्मीदवारों में भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों ने खासी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं.
उत्तर प्रदेश में 143 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटरों की संख्या 20 से 50 फीसदी के बीच है. 107 सीटों पर मुस्लिम मतदाता हार जीत तय कर सकते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में 111 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. वहीं, वर्ष 2012 सपा ने 70 से अधिक सीटों पर कब्जा कर सत्ता पर कब्जा किया था. मौजूदा समय 23 विधायक मुस्लिम हैं, ये सभी विधायक भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों के हैं. इस बार भी विधानसभा चुनाव में अभी तक भाजपा ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया, सहयोगी अपना दल ने केवल एक टिकट मुस्लिम को दिया है. वहीं, सपा अब तक 31 मुस्लिमों और बसपा 23 मुस्लिमों को टिकट दे चुकी है. कांग्रेस भी मुस्लिमों टिकट देने में पीछे नहीं है.
भाजपा की जीत का कारण
वरिष्ठ पत्रकार और लंबे समय से भाजपा कवर कर रहे संतोष कुमार बताते हैं कि मुस्लिम इलाकों में भाजपा का जीत कारण सपा और बसपा का अलग-अलग चुनाव लड़ना था. सपा और बसपा के उम्मीदवार आमने-सामने थे. इसका पूरा फायदा भाजपा को मिला था. मुस्लिम वोट आपस में बंट गए थे. इसके साथ ही भाजपा ने हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देकर अपना वोट बैंक मजबूत किया था. इस बार भी सपा और बसपा आमने-सामने हैं. इसके अलावा मुस्लिमों का ऐसा वर्ग जिन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है, मसलन प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, वो इस बार भाजपा के पाले में जाएंगे और ट्रिपल तलाक से मिली राहत से मुस्लिम महिलाओं का झुकाव भी भाजपा की ओर होगा.
ऐसे समझें मुस्लिम मतदाताओं का समीकरण
. कुल 143 सीटों में से 43 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 30 फीसदी से ज्यादा है.
. करीब 70 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 20 से 30 प्रतिशत के बीच है.
.36 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम प्रत्याशी अपने बूते जीत हासिल कर सकते हैं.
.107 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम जीत हार तय कर सकते हैं.
मुस्लिमों मतदाताओं मतदाताओं के प्रभाव वाले क्षेत्र
जिला मुस्लिम आबादी प्रतिशत में
रामपुर 50.57
श्रावस्ती 30.79
सुल्तानपुर 20.92
मुरादाबाद 47.12
मेरठ 34.43
मुजफ्फरनगर 41.3
अमरोहा 40.78
गाजियाबाद 25.35
बिजनौर 43.04
बरेली 34.54
अलीगढ़ 19.85
बलरामपुर 37.51
बहराइच 37.51
यूपी में कब-कब है वोटिंग
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा. उत्तर प्रदेश में अन्य चरणों में मतदान 14, 20, 23, 27 फरवरी, 3 और 7 मार्च को होगा. वहीं यूपी चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की 403 में से 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सपा और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. सपा ने 47 और कांग्रेस ने 7 सीटें ही जीती थीं. मायावती की बसपा 19 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वहीं 4 सीटों पर अन्य का कब्जा हुआ था
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