यमुना का यह हिस्सा पानी में डूबा रहता था., जहां अब मवेशी बैठे हैं.
नई दिल्ली. यमुना के वजीराबाद बैराज के पास जलस्तर काफी नीचे चला गया है, जिसकी वजह से आने वाले दिनों में दिल्लीवासियों को पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ सकती है. दिल्ली में यमुना का जलस्तर इतना कम हो गया है कि दिल्ली के तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी इसका असर पड़ने लगा है. ये प्लांट अपनी 50 फीसदी क्षमता से ही काम कर पा रहे है. दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक यमुना का जलस्तर सामान्य से करीबन 7 से 8 फीट तक नीचे चला गया है. जलस्तर के इतना नीचे जाने के बाद वजीराबाद बैराज के पास यमुना रिवर बेल्ट अब मैदान में तब्दील हो गया है.
हरियाणा से कम मिल रहा 120 एमजीडी पानी
यमुना की तस्वीर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार पर यमुना में कम पानी छोड़ने का आरोप लगा दिया है. दरअसल दिल्ली में यमुना का पानी हरियाणा से आता है और इसी पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट कर लोगों के घरों तक पंहुचाया जाता है. ऐसे में पानी कम होने पर दिल्ली सरकार इसका सीधा आरोप हरियाणा सरकार पर मढ़ देती है. दिल्ली में पानी की मौजूदा स्थिति की बात करें तो वजीराबाद के पास बने तालाब में यमुना नदी का स्तर 674.5 फीट होना चाहिए, लेकिन ये घटकर 667 फीट पर आ गया है. यानी कि पूरी नदी तेजी से सूख रही है. जलस्तर में आई इस कमी की वजह से दिल्ली के तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की मौजूदा स्थिति की बात करें तो चंद्रवाल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 90 एमजीडी से घटकर 55 एमजीडी, वजीराबाद प्लांट की 135 एमजीडी से घटकर 80 एमजीडी और ओखला प्लांट की 20 एमजीडी से घटकर 12 एमजीडी रह गई है. दिल्ली को लगभग 120 एमजीडी पानी हरियाणा से कम मिल रहा है.
दिल्ली ने लगाया हरियाणा पर आरोप
दिल्ली में यमुना के लगातार घटते जलस्तर को लेकर दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार के खिलाफ एक याचिका भी दाखिल कर दी है. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि हरियाणा को दिल्ली के हिस्से का जितना पानी छोड़ना चाहिए, उतना नहीं छोड़ा जा रहा है. ऐसे में हम हरियाणा से बार-बार मांग भी करते रहे हैं, लेकिन अब जब स्थिति भयानक होती जा रही है तो हमने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया है.
दिल्ली सरकार की राजनीतिक बयानबाजी – हरियाणा
हरियाणा सरकार ने इस पूरे मामले में कहा है कि मानसून में देरी के कारण और दिल्ली सरकार के जल प्रबंधन की कुव्यवस्था से दिल्लीवासियों को पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए झूठी राजनीतिक बयानबाजी कर रही है. सच तो यह है कि यमुना में इस साल लगभग 40 फीसद पानी की कमी के बावजूद हरियाणा ने दिल्ली को अपने हिस्से का पानी दिया है. इस पर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने आज वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट जाकर मीडिया को तस्वीरों के जरिये बताया कि 1965 के बाद ये पहली बार हुआ है जब यमुना नदी का जलस्तर करीबन 7 से 8 फीट तक नीचे चला गया है. इस पर राघव ने एक बार फिर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि बीजेपी दिल्ली में पानी को लेकर प्रदर्शन कर रही है जबकि बीजेपी के ही कद्दावर नेता और हरियाणा के सीएम दिल्ली का पानी रोक रहे हैं.
नया नहीं है ये झगड़ा
पानी को लेकर हरियाणा सरकार और दिल्ली सरकार के बीच की ये लड़ाई नई नहीं है. हर साल दोनों राज्यों के बीच ये तनातनी देखते को मिलती रहती है. गर्मी के दिनों में अक्सर ये झगड़ा बढ़ जाता है. लेकिन यमुना की जो तस्वीरें इस बार देखने को मिल रही हैं उसे देख कर काफी डर भी लग रहा है. अगर इसी रफ्तार से यमुना का स्तर घटता रहा तो आने वाले दिनों में पानी को लेकर दिल्ली में हाहाकार मच जाएगा.
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