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दिल्‍ली के बड़े हिस्‍से में शाम से शुरू हो सकती है पानी की सप्‍लाई, इस वजह से थी बंद!

गाजियाबाद का पानी खराब

गाजियाबाद का पानी खराब

दिल्ली के दक्षिणी, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी के तमाम इलाकों में पीने के पानी की आपूर्ति आज नहीं की जा सकी. इसकी वजह से लोग ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) जिले में आई आपदा का असर अब दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी पड़ने लगा है. ऊपरी गंगा नहर मुरादाबाद से दिल्ली आने वाले कच्चे पानी में बड़ी मात्रा में गंदगी का लेवल (8000NTU) बढ़ने के बाद दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) के सोनिया विहार (Sonia Vihar) और भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (Bhagirathi Water Treatment Plant) वर्तमान में कम क्षमता में वाटर ट्रीट करने का काम कर रहे हैं.
    इसकी वजह से दिल्ली के दक्षिणी, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी के तमाम इलाकों में पीने के पानी की आपूर्ति आज नहीं की जा सकी. इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. संभवत आज शाम को दोनों प्लांट से जलापूर्ति करने की संभावना जताई जा रही है.
    दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा आज उत्तर पूर्वी दिल्ली के भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने भी पहुंचे. राघव चड्ढा ने बताया कि सोनिया विहार और भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट दोनों में ही उत्तराखंड में आई आपदा के बाद से कच्चे पानी के साथ बड़ी मात्रा में गंदगी आ गई है. इसकी वजह से दोनों प्लांटों के पानी का उत्पादन काफी कम हो गया है.
    राघव चड्ढा ने बताया कि भागीरथी प्लांट पर हर रोज दोनों प्लांटों से 250 MGD पानी का उत्पादन होता है जिसको दक्षिणी, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी के तमाम इलाकों में सप्लाई किया जाता है. लेकिन प्रोडक्शन कम होने की वजह से इन इलाकों में पानी की समस्या पैदा हो गई है. दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी 2 दिन से लगातार एनटीयू लेवल को कम करने का काम कर रहे हैं और अब भागीरथी प्लांट जो कि 8000 NTU तक पहुंच गया था. अब उसको सिर्फ 960 पर ले आये हैं यानी 90 की समस्या को दूर कर दिया गया है. भागीरथी प्लांट पर सिर्फ 10 फ़ीसदी समस्या ही अब रह गई है.
    वहीं, सोनिया विहार प्लांट का भी NTU लेवल कम कर दिया गया है. सोनिया विहार प्लांट हर रोज 140 एमजीडी पानी का उत्पादन करता है. लेकिन उत्तराखंड त्रासदी के बाद इन प्लांट में बड़ा एनटीयू का लेवल की वजह से सिर्फ 40 फ़ीसदी उत्पादन रह गया है. इस पर भी तेजी से काम किया जा रहा है. जल्दी इसके लेवल को कम करके पानी की सप्लाई समुचित की जा सकेगी.
    चड्डा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने नागरिकों से अपील की थी कि वह पानी का सदुपयोग करें और जरूरत के हिसाब से ही उसका उपयोग करें. जल बोर्ड ने पानी की कमी को पूरी करने के लिए पर्याप्त संख्या में वाटर टैंकर भी अलग-अलग इलाकों में लगाए हैं जिससे कि प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति लोगों को पर्याप्त मात्रा में की जा सके.
    उन्होंने यह भी कहा कि Turbidity एक तरल की सापेक्ष स्पष्टता का माप है. टर्बिडिटी को नेफेलोमेट्रिक टर्बिडिटी यूनिट्स (NTU) में मापा जाता है. High turbidity को मलबे, गाद, कीचड़, शैवाल (algae), पौधों के टुकड़े, पिघलने वाले ग्लेशियर (melting glaciers) , चूरा, लकड़ी की राख या पानी में रसायनों के कारक के रूप में देखा जा सकता है. इससे बड़े लेवल पर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों को वाटर ट्रीट करने में समस्या पैदा होती है. इस सब से निपटने के लिए जल बोर्ड पूरी तरीके से मुस्तैद है.

    Tags: Clean water, Delhi Government, Raghav Chaddha, Uttarakhand Glacier burst

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