नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली के एक गांव में करीब 120 साल पुराने बरगद के एक पेड़ को बचाने की मुहिम दिल्ली के खामपुर गांव के लोगों ने शुरू कर दी है. वह इस बुजुर्ग पेड़ की 24 घंटे रखवाली करते हैं. नरेला विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाला खामपुर गांव करीब 500 साल पुराना है, जहां पर बेहद कम आबादी और घनी हरियाली दिखाई देती है.
गांव खामपुर के लोगों का आरोप है कि कुछ भूमाफिया इस ऐतिहासिक पुराने वटवृक्ष के इस पेड़ को काटने की फिराक में हैं. उन्होंने चोरी-छुपे पेड़ को कई बार काटने का प्रयास भी किया है, लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता के कारण कामयाब नहीं हुए. गांव के लोग अब इस पेड़ को बचाने की मुहिम में एसडीएम, डीएम समेत तमाम प्रशासनिक कार्यालय के अलावा एनजीटी तक पहुंच चुके हैं.
2 हजार की आबादी का गांव
दरअसल, खामपुर गांव की आबादी महज 1500-2000 लोगों की है. आरोप है कि अब गांव के आसपास कई अवैध कॉलोनियां कटनी शुरू हो गई हैं, उन्हीं में से एक कॉलोनी राधा कृष्ण मंदिर के पिछले हिस्से की तरफ काटी जा रही है.
ग्रामीण ईश्वर सिंह ने बताया कि गांव के पास ही एक कॉलोनी बसाने का काम चल रहा है, जिसको कुछ बिल्डरों की मदद से तैयार किया जा रहा है. जिस वक्त यहां कॉलोनी का काम शुरू हुआ था, तभी ग्रामीणों ने उनसे कहा था कि वे इस ऐतिहासिक पेड़ को न काटें, क्योंकि यह पेड़ प्रकृति के साथ-साथ उनकी आस्था से जुड़ा हुआ है.
कालोनी की सड़क के बीचोंबीच आ रही है सड़क
उस वक्त आश्वासन दिया गया था कि वे इस पेड़ को नहीं काटेंगे, लेकिन कॉलोनी की सड़क के बीचोबीच अब यह पेड़ आने लगा है. ऐसे में चोरी-चुपके इस पेड़ को काट रहे हैं, जिसका हम ग्रामीण विरोध करते हैं. ग्रामीण कृष्ण कुमार गौड़ पिछले कई साल से लगातार आसपास के एरिया में पेड़ लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस पेड़ को काटने की जुगत में हैं.
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