उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव से सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त क्लास रूम बनाने से जुड़े मामले में रिपोर्ट मांगी है
दिल्ली सरकार अभी जहां नई आबकारी नीति को लेकर घिरी हुई है. वहीं सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव से सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त क्लास रूम बनाने से जुड़े मामले में रिपोर्ट मांगी है.
उपराज्यपाल कार्यालय के मुताबिक, केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) से मिली रिपोर्ट पर सतर्कता विभाग की कार्रवाई में ढाई साल की देरी पर रिपोर्ट मांगी है. CVC ने सतर्कता विभाग को सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त क्लासरूम बनाने में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर 17 फरवरी 2020 को रिपोर्ट सौंपी थी. आपको बता दें कि इससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ही अरविंद केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति 2021-22 के नियमों में कई खामियां पाई थी जिसके बाद इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इस मामले में सीबीआई ने केज दर्ज करते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत कई अफसरों के घर और ऑफिस में छापेमारी की थी.
विधानसभा में क्या बोले सिसोदिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि उनके खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर ‘पूरी तरह से फर्जी’ है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकारों को गिराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार एक ‘सीरियल किलर’ की तरह बर्ताव कर रही है. सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में यह बात कही.
सिसोदिया ने विधानसभा में कहा कि बीजेपी दूसरों के अच्छे कामों को देखकर असुरक्षित महसूस करने लगते हैं. मैंने अपने जीवन में असुरक्षा की भावना से इतना अधिक पीड़ित कोई इंसान नहीं देखा. अगर अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री होते और मैं किसी और सरकार में शिक्षा मंत्री होता तो वह ऐसा कुछ नहीं करते. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की सभी अच्छी पहलों में प्रधानमंत्री का समर्थन किया, लेकिन प्रधानमंत्री ने हमेशा इसके विपरीत किया. सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई के अधिकारियों ने 14 घंटे की छापेमारी के दौरान उनके और यहां तक कि उनके बच्चों के कपड़ों की भी तलाशी ली, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला.
उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ प्राथमिकी पूरी तरह फर्जी है. मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया…. राज्य सरकारों को गिराने के लिए वे (भारतीय जनता पार्टी) ‘सीरियल किलर’ की तरह बर्ताव कर रहे हैं. राज्य सरकारों को गिराने के लिए वे जितने प्रयास कर रहे हैं, उन्हें वे प्रयास स्कूलों तथा अस्पतालों के निर्माण के लिए करने चाहिए. उपमुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की आबकारी नीति 2021-22 का बचाव किया, जिसे अब वापस ले लिया गया है.
सिसोदिया ने सदन में कहा कि हमारी आबकारी नीति से लोगों पर कोई बोझ नहीं पड़ा, बल्कि सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई, फिर भी भाजपा इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है.
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