किसान आंदोलन में क्यों नहीं दिख रहे पप्पन सिंह, Lockdown में मजदूरों को फ्लाइट से घर भेज बटोरी थी सुर्खियां

लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को फ्लाइट से भेजने वाले किसान ने कृषि बिल किया समर्थन.
केंद्र की BJP सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन (Kisan Aandolan) करने वाले किसानों के समर्थन में देशभर के संगठन आगे आए हैं, लेकिन दिल्ली के मशहूर मशरूम किसान पप्पन सिंह गहलोत ने मोदी सरकार (Modi Government) के कृषि बिल (Agricultural Law) का समर्थन किया है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 15, 2020, 1:54 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली के तिगीपुर गांव के किसानों (Farmers) ने भी मोदी सरकार (Modi Government) के कृषि बिल का समर्थन किया है. लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान चर्चा में आए मशरूम किसान पप्पन सिंह गहलोत (Pappan Singh Gahlot) ने मोदी सरकार के कृषि बिल का समर्थन किया है. पप्पन सिंह अगले साल मार्च महीने में बिहार का दौरा भी करेंगे. बता दें कि यह वही पप्पन सिंह हैं, जिन्होंने लॉकडाउन में बिहार के किसानों को विमान से घर भेजा था. लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी पप्पन सिंह ने बिहार से करीब 17-18 मजदूरों को विमान से वापस दिल्ली ले कर आए.
गौरतलब है कि पप्पन सिंह कई सालों से मशरूम की खेती कर रहे हैं. पपन सिंह न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, 'देश के किसान पिछले कई वर्षों से परंपरागत तरीकों से खेती कर रहे हैं, लेकिन अब कृषि क्षेत्र बड़े बदलाव हो रहे हैं. मोदी सरकार की यह 3 कृषि कानून कृषि क्षेत्र को एक नए आयाम पर ले जाने की पहल है. इससे किसानों को समृद्धि की राह आसान हो जाएगी, लेकिन कुछ लोग बिना कुछ जाने इसका विरोध कर रहे हैं. वे अपने और अपने बच्चों के भविष्य को नहीं देख रहे हैं. अब किसान अपनी शर्तों पर फसलों को बेच सकेंगे. इसी को लेकर मैं बिहार जाऊंगा. जो मजदूर भाई हमारे यहां काम कर रहे हैं, उनके घर मशरूम लेकर जाऊंगा. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों का भलाई करना चाहते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जो नहीं चाहते हैं कि किसी भी तरह यह बिल लागू हो. मैं पूरी तरह से कृषि बिल का समर्थन करता हूं.

केजरीवाल सरकार इसलिए बोला हमलापप्पन सिंह ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह दिल्ली के किसानों को किसान नहीं मानते हैं. वह किसानों के साथ भूख हड़ताल पर बैठते हैं, मैं उनका विरोध करता हूं. जब पूरी दिल्ली में लॉकडाउन लगी थी और किसान मजदूरों के पैरों में छाले पड़ रहे थे, उस समय अरविंद केजरीवाल कहां थे. केजरीवाल किसान के समर्थन में घड़ियाली आंसू बहाना छोड़ दें.
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गौरतलब है कि पप्पन सिंह कई सालों से मशरूम की खेती कर रहे हैं. पपन सिंह न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, 'देश के किसान पिछले कई वर्षों से परंपरागत तरीकों से खेती कर रहे हैं, लेकिन अब कृषि क्षेत्र बड़े बदलाव हो रहे हैं. मोदी सरकार की यह 3 कृषि कानून कृषि क्षेत्र को एक नए आयाम पर ले जाने की पहल है. इससे किसानों को समृद्धि की राह आसान हो जाएगी, लेकिन कुछ लोग बिना कुछ जाने इसका विरोध कर रहे हैं. वे अपने और अपने बच्चों के भविष्य को नहीं देख रहे हैं. अब किसान अपनी शर्तों पर फसलों को बेच सकेंगे. इसी को लेकर मैं बिहार जाऊंगा. जो मजदूर भाई हमारे यहां काम कर रहे हैं, उनके घर मशरूम लेकर जाऊंगा. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों का भलाई करना चाहते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जो नहीं चाहते हैं कि किसी भी तरह यह बिल लागू हो. मैं पूरी तरह से कृषि बिल का समर्थन करता हूं.

पप्पन सिंह कई सालों से मशरूम की खेती कर रहे हैं.
केजरीवाल सरकार इसलिए बोला हमलापप्पन सिंह ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह दिल्ली के किसानों को किसान नहीं मानते हैं. वह किसानों के साथ भूख हड़ताल पर बैठते हैं, मैं उनका विरोध करता हूं. जब पूरी दिल्ली में लॉकडाउन लगी थी और किसान मजदूरों के पैरों में छाले पड़ रहे थे, उस समय अरविंद केजरीवाल कहां थे. केजरीवाल किसान के समर्थन में घड़ियाली आंसू बहाना छोड़ दें.
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कुल मिलाकर देश में जहां इस समय मोदी सरकार के 3 कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, कई किसान और किसान संगठनों ने मोदी सरकार के कृषि कानून का समर्थन किया है. देश में कई राज्यों के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़ अनुबंध के तहत खेती करना शुरू कर दिया है, जिससे उनके आय में काफी मुनाफा हो रहा है. इसलिए ये मजदूरों को हवाई जहाज से उनके घर पहुंचाते हैं और लाते हैं.