नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में बीती रात भयंककर आग (Massive Fire) लग गई थी. आग लगने से एम्स में चारों तरफ अफरा-तफरी मची थी, लेकिन ड़ॉक्टर और नर्स (Doctors and Nurses) की चिंता मरीजों (Patients) को सुरक्षित (Safe) और दूसरे जगह शिफ्ट करने में थी. एम्स के डिलीवरी रूम (Delivery Room) तक जब आग की लपटें आने लगी तो नर्स और डॉक्टर्स गर्भवती महिलाओं को दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट करना शुरू कर दिया. लेकिन इसी बीच दो महिलाओं को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. डॉक्टरों ने आनन-फानन में दोनों को भागम-दौड़ के बीच सफलतापूर्वक डिलीवरी करवाई.
अफरा-तफरी के बीच दो नवजात का जन्म एकतरफ 40 ज्यादा दमकल गाड़ियां और तकरीबन 200 से ज्यादा दमकलकर्मी आग बुझाने के काम में लगे हुए थे तो दूसरी तरफ एम्स के डॉक्टरों और नर्स को यह चिंता थी कि इस आपात स्थिति में किस तरह मरीजों को बेहतर इलाज दिया जा सके. शनिवार सुबह ही स्त्रीरोग वॉर्ड में भर्ती हुई दो महिलाओं को आग लगने के बीच प्रसव पीड़ा में चली गई, जबकि अस्पताल के कर्मचारी एक वॉर्ड से दूसरे वार्ड में इमरजेंसी वॉर्ड में मरीजों को निकालने के लिए दौड़ रहे थे.
दो महिलाओं को आग लगने के बीच प्रसव पीड़ा में चली गई
डॉक्टरों के अनुसार दोनों महिलाओं को एम्स के डॉ राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र में ऑपरेशन थियेटर में पहुंचाई गई. रात करीब 9.30 बजे जब आग की लपटें चारों तरफ फैल रही थीं तब 30 वर्षीय एक महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया. इसके कुछ ही देर बाद दूसरी महिला ने भी एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. जच्चा और बच्चा दोनों ही सुरक्षित होने पर महिला के घरवालों ने एम्स के डॉक्टरों और नर्सों का शुक्रिया किया है.
मरीजों की बेहतरी आग के बीच भी जारी रही बता दें कि एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स और नर्सों ने मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सभी डॉक्टर्स व्हाट्सएप ग्रुप पर मरीजों को बेहतर इलाज और सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए बात करते रहे.
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स और नर्सों ने मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
एक प्रत्यक्षदर्शी न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, जब आग लगी थी तो सबसे ज्यादा अफरा-तफरा इमरजेंसी वॉर्ड में लगी थी, क्योंकि धुआं ने पूरी तरह से इमरजेंसी वॉर्ड को अपने लपेट में ले लिया था. व्हाट्सएप ग्रुप पर वेंटिलेटर से लेकर मरीज को हर सुविधा का आदान-प्रदान शुरू हो गया. जैसे ही यह सुनिश्चित हो जाता था कि मरीज के लिए वेंटिलेटर का इंतजाम कर दिया गया तुरंत ही मरीज को वहां पर शिफ्ट करा दिया जाता.
देर रात आग पर काबू पाया गया आग लगने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली AIIMS में आग लगने की घटना दु:खद है लेकिन संतोष की बात है कि अस्पताल प्रशासन की सतर्कता से समय रहते आग पर काबू पा लिया गया. पूरे मामले को मैं खुद व्यक्तिगत तौर पर मॉनिटर कर रहा हूं. मरीजों को ऐतिहातन दूसरे वॉर्डों में शिफ्ट किया गया है.’
5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार देर रात काबू पा लिया था
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के टीचिंग ब्लॉक में लगी आग पर फायर ब्रिगेड की 40 गाड़ियों ने करीब 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार देर रात काबू पा लिया था. यह आग शनिवार शाम 5 बजे के करीब माइक्रोबायोलॉजी विभाग से शुरू हुई और देखते ही देखते टीचिंग ब्लॉक की पहली और दूसरी मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया. आग लगने के बाद टीचिंग ब्लॉक को बंद कर दिया गया है.