बारिश में देरी लेकिन इस दिन मिल सकती है दिल्ली को प्रदूषण से राहत
News18Hindi Updated: November 15, 2019, 9:35 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी में AQI शाम चार बजे 463 था और द्वारका सेक्टर आठ सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा, जहां एक्यूआई 495 था.
राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शाम चार बजे 463 था और द्वारका सेक्टर आठ सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा, जहां एक्यूआई 495 था.
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- Last Updated: November 15, 2019, 9:35 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) में लगातार चौथे दिन शुक्रवार को भी स्मॉग (Smog) की मोटी परत छायी रही और प्रतिकूल मौसम के कारण प्रदूषक कण नहीं छंटे. हालांकि रविवार तक वायु गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है. राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शाम चार बजे 463 था और द्वारका सेक्टर आठ सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा, जहां एक्यूआई 495 था. वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले अधिकतर स्टेशनों ने एक्यूआई 450 से अधिक दर्ज किया.
फरीदाबाद (450), गाजियाबाद (475), ग्रेटर नोएडा (445), गुरुग्राम (461) और नोएडा (474) में भी वायु गुणवत्ता बेहद गंभीर रही. बता दें कि 201 और 300 के बीच एक्यूआई को ‘खराब’ और 301-400 के बीच एक्यूआई ‘बेहद खराब’ तथा 401-500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है.
बूंदाबांदी के चलते स्थिति और खराब हो सकती है
सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी एवं पूर्वानुमान सेवा (SAFAR) ने कहा कि गुरुवार रात को हल्की बूंदाबादी से प्रतिकूल स्थिति पैदा हुई और इसके कारण द्वितीयक प्रदूषक कणों का निर्माण हुआ. दिल्ली में नवंबर के पहले सप्ताह में ऐसी स्थिति पैदा हुई थी. इसके अनुसार शुक्रवार रात को बूंदाबांदी के चलते स्थिति और खराब हो सकती है.प्रदूषण कणों का घेराव जस का तस
पराली जलाने और वाहनों के उत्सर्जन से निकलने वाले प्रदूषक कण जैसे कि सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड सूर्य की रोशनी और नमी की मौजूदगी में जटिल वातावरण में प्राथमिक कणों के बीच प्रतिक्रिया से द्वितीयक कण जैसे सल्फेट, नाइट्रेट, ओजोन और ऑर्गेनिक एरोसोल्स का निर्माण करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और हवा की मंद गति के कारण प्रदूषण कणों का घेराव जस का तस बना रहता है.
हल्की बारिश से प्रदूषण से निजात मिलने की संभावना कमसफर ने कहा, ‘हल्की बारिश से प्रदूषण से निजात मिलने की संभावना कम है और इसलिए हवा की गुणवत्ता में 17 नवंबर तक सुधार होने की उम्मीद है.’ दिल्ली सरकार ने हालांकि शुक्रवार को कहा कि सम-विषम योजना की अवधि को बढ़ाने पर सोमवार सुबह फैसला लिया जायेगा क्योंकि अगले दो-तीन दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है.
प्रदूषण रोकने में नाकाम
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण रोकने में नाकाम रहने पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को तलब किया. 29 नवंबर को सभी को कोर्ट में होना होगा पेश. सभी को सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का अनुपालन रिपोर्ट 25 नवंबर तक दाखिल करनी होगी.
Odd-Even से सिर्फ 4% फायदा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल कार पर ऑड ईवन पर रोक लगाने से काम नही चलेगा, क्योंकि ये इतना प्रभावित नही हैं. यह सिर्फ़ मिडिल क्लास पर प्रभाव डालता है जबकि अपर क्लास के पास हर नंबर की कार है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन देशों में ऑड ईवन लागू है वहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट काफ़ी मजबूत और फ्री है, लेकिन यहां नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने ऑड ईवन के दौरान केवल कार को चुना गया जबकि दूसरे वाहन ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं. इसपर दिल्ली सरकार ने ऑड इवन का बचाव करते हुए कहा कि इससे 5-15% प्रदूषण घटा. वहीं सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का कहना है कि हमारे अध्ययन के मुताबिक ऑड इवन से कोई ज़्यादा फायदा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि Odd-Even से सिर्फ 4% फायदा हो रहा है.
ऑड इवन की वजह से इस साल AQI और भी बेहतर
दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑड इवन की वजह से इस साल AQI और भी बेहतर है. दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑड इवन से प्रदूषण में 5 से 10% की कमी आती है जो अध्यन में भी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज भी AQI 600 है लोग कैसे सांस ले रहे है हालात बहुत गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट इन पूछा कि दिल्ली NCR में प्रदूषण कम करने का क्या तरीक़ा हो सकता है. इस पर सरकार ने बताया कि दिल्ली में एयर प्यूरीफायर 'वायु' लगाया गया है जिसका ट्रायल चल रहे है, इसके ट्रायल के लिए कम से कम 1 साल का समय लगेगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि हम प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते है, लेकिन प्रकृति पर नियंत्रण नहीं कर सकते. ऐसे हालात तब बनते है, जब प्रकृति का दुरुपयोग होता है.
ये भी पढ़ें - OPINION: कहां गए वो लोग जिन्होंने रखी थी राम मंदिर निर्माण की नींव?
ये भी पढ़ें -धुएं वाली धुंध: इन घुटती सांसों का इलाज क्या है?
फरीदाबाद (450), गाजियाबाद (475), ग्रेटर नोएडा (445), गुरुग्राम (461) और नोएडा (474) में भी वायु गुणवत्ता बेहद गंभीर रही. बता दें कि 201 और 300 के बीच एक्यूआई को ‘खराब’ और 301-400 के बीच एक्यूआई ‘बेहद खराब’ तथा 401-500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है.
बूंदाबांदी के चलते स्थिति और खराब हो सकती है
सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी एवं पूर्वानुमान सेवा (SAFAR) ने कहा कि गुरुवार रात को हल्की बूंदाबादी से प्रतिकूल स्थिति पैदा हुई और इसके कारण द्वितीयक प्रदूषक कणों का निर्माण हुआ. दिल्ली में नवंबर के पहले सप्ताह में ऐसी स्थिति पैदा हुई थी. इसके अनुसार शुक्रवार रात को बूंदाबांदी के चलते स्थिति और खराब हो सकती है.प्रदूषण कणों का घेराव जस का तस
पराली जलाने और वाहनों के उत्सर्जन से निकलने वाले प्रदूषक कण जैसे कि सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड सूर्य की रोशनी और नमी की मौजूदगी में जटिल वातावरण में प्राथमिक कणों के बीच प्रतिक्रिया से द्वितीयक कण जैसे सल्फेट, नाइट्रेट, ओजोन और ऑर्गेनिक एरोसोल्स का निर्माण करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और हवा की मंद गति के कारण प्रदूषण कणों का घेराव जस का तस बना रहता है.
हल्की बारिश से प्रदूषण से निजात मिलने की संभावना कम
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प्रदूषण रोकने में नाकाम
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण रोकने में नाकाम रहने पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को तलब किया. 29 नवंबर को सभी को कोर्ट में होना होगा पेश. सभी को सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का अनुपालन रिपोर्ट 25 नवंबर तक दाखिल करनी होगी.
Odd-Even से सिर्फ 4% फायदा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल कार पर ऑड ईवन पर रोक लगाने से काम नही चलेगा, क्योंकि ये इतना प्रभावित नही हैं. यह सिर्फ़ मिडिल क्लास पर प्रभाव डालता है जबकि अपर क्लास के पास हर नंबर की कार है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन देशों में ऑड ईवन लागू है वहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट काफ़ी मजबूत और फ्री है, लेकिन यहां नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने ऑड ईवन के दौरान केवल कार को चुना गया जबकि दूसरे वाहन ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं. इसपर दिल्ली सरकार ने ऑड इवन का बचाव करते हुए कहा कि इससे 5-15% प्रदूषण घटा. वहीं सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का कहना है कि हमारे अध्ययन के मुताबिक ऑड इवन से कोई ज़्यादा फायदा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि Odd-Even से सिर्फ 4% फायदा हो रहा है.
ऑड इवन की वजह से इस साल AQI और भी बेहतर
दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑड इवन की वजह से इस साल AQI और भी बेहतर है. दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑड इवन से प्रदूषण में 5 से 10% की कमी आती है जो अध्यन में भी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज भी AQI 600 है लोग कैसे सांस ले रहे है हालात बहुत गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट इन पूछा कि दिल्ली NCR में प्रदूषण कम करने का क्या तरीक़ा हो सकता है. इस पर सरकार ने बताया कि दिल्ली में एयर प्यूरीफायर 'वायु' लगाया गया है जिसका ट्रायल चल रहे है, इसके ट्रायल के लिए कम से कम 1 साल का समय लगेगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि हम प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते है, लेकिन प्रकृति पर नियंत्रण नहीं कर सकते. ऐसे हालात तब बनते है, जब प्रकृति का दुरुपयोग होता है.
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First published: November 15, 2019, 8:59 PM IST
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