अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी हर किसी को साधकर चलते थे. हर पार्टी में, हर विचारधारा के लोग उनके दोस्त थे. उनका एक दिलचस्प वाकया कांशीराम और एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ा है. वे कांशीराम को राष्ट्रपति और एपीजे अब्दुल कलाम को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाना चाहते थे. लेकिन दोनों शख्सियतों ने अटल का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. न कलाम मंत्री बनने को राजी थे और न कांशीराम राष्ट्रपति बनने के लिए. लेकिन दोनों के साथ अटल का संबंध लगातार बना रहा.
कांशीराम की जीवनी 'कांशीराम: द लीडर ऑफ द दलित्स' लिखने वाले बद्रीनारायण कहते हैं " हां, ये बात सही है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कांशीराम को राष्ट्रपति बनने का ऑफर दिया था. यह उस वक्त की बात है जब यूपी में बसपा-भाजपा की मिलीजुली सरकार चल रही थी. उस वक्त दोनों दलों में अच्छे संबंध थे. वाजपेयी के ऑफर के बारे में खुद कांशीराम कहा करते थे."
बीएसपी के संस्थापक कांशीराम (File photo)
नारायण के मुताबिक "वाजपेयी के प्रस्ताव को कांशीराम ने इसलिए ठुकरा दिया था क्योंकि वे जानते थे कि असली पावर राष्ट्रपति में नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के पद में है. वह जानते थे कि राष्ट्रपति बनाकर उन्हें चुपचाप बैठा दिया जाएगा. इसके लिए वह तैयार नहीं थे. इसीलिए तब कांशीराम ने वाजपेयी से कहा था कि वह राष्ट्रपति नहीं बल्कि प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं."
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कांशीराम का नारा था, 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी.' वह देश के दलितों को सत्ता का केंद्रबिंदु बनाना चाहते थे. ऐसे में वह केवल राष्ट्रपति बनकर मूक नहीं बनना चाहते थे. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वाजपेयी कांशीराम के लक्ष्य को समझ नहीं पाए. कांशीराम का असली उद्देश्य देश के दलित समाज को उच्च पदों पर आसीन करना था.
कांशीराम ने मायावती को देश की पहली दलित महिला मुख्यंमत्री बनाकर अपने सपने को सच भी कर दिखाया. कांशीराम ने अछूतों और दलितों के राजनीतिक एकीकरण के लिए जीवनभर काम किया. समाज के दबे-कुचले वर्ग के लिए एक ऐसी जमीन तैयार की जहां पर वे अपनी बात कह सकें.
अटल बिहारी वाजपेयी और कलाम (File photo)
दूसरी ओर, 18 मार्च 1998 को वाजपेयी जब दूसरी बार पीएम बने तो शपथ लेने से पहले उन्होंने मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम से उन्हें मंत्री बनाने के लिए मुलाकात की. लेकिन कलाम ने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. अटल उन्हें अपनी कैबिनेट में लेना चाहते थे लेकिन कलाम ने वैज्ञानिक के रूप में काम करना मंजूर किया था. अटल के वैज्ञानिक सलाहकार रहते हुए उन्होंने परमाणु परीक्षण करवाया. बाद में वाजपेयी ने कलाम को राष्ट्रपति बनवाया.
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Tags: Atal Bihari Vajpayee
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