नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आते ही यह साफ हो गया था कि किसी एक पार्टी की सरकार नहीं बन रही है. ऊपर से शिवसेना (shiv sena) ने बड़ा भाई बनने का ख्वाब पाल लिया. लिहाजा राजनीतिक उलझ गई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा की 288 सीट हैं. सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत होती है. लेकिन किसी पार्टी या गठबंधन के पास यह मैजिक नंबर नहीं था इसलिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया. लेकिन नंबर गेम में उलझी महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिश जारी रही. इस कोशिश में बाजी बीजेपी (BJP) ने मारी. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) दोबारा सीएम बन गए.
आईए, चुनाव होने से अब तक के 10 महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर हम नजर डालते हैं.
>>नतीजे 24 अक्टूबर को आए. बीजेपी ने 105 पर जीत दर्ज की. जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी-शिवसेना के विरोधी गठबंधन कांग्रेस (44) और एनसीपी (54) को कुल 98 सीटों पर जीत मिली.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ उनके भतीजे अजित पवार
>>24 अक्टूबर को ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ा बयान दिया. कहा कि यह समय 50:50 फॉर्मूले को लागू करने का है. मतलब ढ़ाई-ढ़ाई साल सीएम. वो वरली विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले अपने बेटे आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) को सीएम बनवाने की मांग कर रहे थे. लेकिन बीजेपी फडणवीस को दोबारा सीएम बनाने पर अड़ी रही.
>>बीजेपी-शिवसेना में मनमुटाव के बाद सरकार गठन का मामला अधर में लटक गया. लिहाजा राज्यपाल की तरफ से 9 नवंबर को सबसे बड़े दल BJP को सरकार बनाने का न्योता दिया गया. लेकिन, बीजेपी ने राज्यपाल से साफ कह दिया कि उसके पास अपने दम पर सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है.
>>इसके बाद राज्यपाल ने शिवसेना और एनसीपी से सरकार बनाने के लिए पूछा. शिवसेना सरकार बनाने के लिए तैयार थी. वो आदित्य ठाकरे को सीएम बनवाना चाहती थी. लेकिन एनसीपी और कांग्रेस के बिना ऐसा होना मुमकिन नहीं था.
>>11 नवंबर आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की उनके साथ एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई और अनिल परब भी मौजूद थे. आदित्य ने गवर्नर से कहा कि हम सरकार बनाने के इच्छुक हैं, हालांकि वो सरकार बनाने के लिए समर्थन की चिट्ठी नहीं दे पाए. उनकी कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत चल रही थी.
आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे का सीएम बनने वाला ख्वाब टूट गया है (File Photo)
>>11 नवंबर को शिवसेना कोटे से केंद्रीय कैबिनेट में स्थान पाने वाले इकलौते सांसद अरविंद सांवत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस ने शिवसेना के सामने एनडीए से बाहर आने की शर्त रखी. जिसके बाद शिवसेना ने बीजेपी से 30 साल पुरानी दोस्ती तोड़ दी.
>>किसी पार्टी या गठबंधन के पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन न मिलने की सूरत में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी. केंद्र सरकार ने 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया.
>>इसके बाद भी शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद जारी रखी. 14 नवंबर को पहली बार तीनों पार्टियों के नेता मिले. सरकार बनाने के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने पर सहमति बनी. विभागों के बंटवारे पर भी मंथन हुआ.
>>22 नवंबर को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की बैठक हुई. दो घंटे लंबी चली बैठक में शुक्रवार शाम को समाप्त हुई. जिसमें शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को स्वीकार करने का आग्रह किया गया. बैठक के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि शीर्ष पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी है. कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि शनिवार को फिर से बैठक होगी. लेकिन इस बीच किसी को ध्यान नहीं रहा कि बीजेपी सरकार बनाने के नए प्लान पर काम कर रही है.
एक महीने तक चले ड्रामे के बाद 23 नवंबर की सुबह देवेंद्र फडणवीस सीएम बने.
>>23 नवंबर को सुबह जब कई नेता अपने घर में सो रहे थे तब बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस सीएम पद की शपथ ले रहे थे. उनके साथ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. उद्धव ठाकरे का सीएम बनने का ख्वाब टूट चुका था.