संसद में भाषण देते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
"मैं बीजेपी के लिए पप्पू हो सकता हूं लेकिन मेरे दिल में उनके लिए हमेशा प्यार रहेगा.” राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा के दौरान यह बात कही. जाहिर है राहुल की जो इमेज बनी हुई है उससे उन्हें लोग गंभीरता से नहीं लेते. लेकिन उनका आज का अंदाज क्या कहता है? उनकी बॉडी लैंग्वेज क्या कहती है? क्या आज के भाषण को देखकर यह कहा जा सकता है कि राहुल पहले के मुकाबले परिपक्व हो गए हैं? अगर ऐसा है तो क्या वह यही गंभीरता 2019 तक बरकरार रखेंगे?
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटी (सीएसडीएस) के निदेशक संजय कुमार कहते हैं, “किसी भी व्यक्ति के भाषण में दो बातें महत्वपूर्ण होती हैं. पहला कंटेंट और दूसरा शैली. जैसे-जैसे सरकार का वक्त बीतता जाता है, उसके खिलाफ विपक्ष के पास मुद्दे बढ़ते जाते हैं. सत्ता पक्ष के पास मुद्दे कम होते जाते हैं. राहुल के भाषण में आक्रामकता और हंबलनेस दोनों था. यह नया अंदाज है.”
क्या राहुल गांधी का पीएम से गले मिलना स्क्रिप्टेड था?
वरिष्ठ पत्रकार आलोक भदौरिया कहते हैं, “राहुल गांधी के इस भाषण को सुनकर लगता है कि वो पहले से परिपक्व हुए हैं. उन्होंने वन लाइनर का ज्यादा इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जो लोगों पर सीधे असर करती है. जिससे मीडिया में हेडलाइन बनती है. राहुल को पता है कि उनके पास नंबर नहीं हैं इसलिए उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल सरकार को घेरने के लिए किया. लेकिन अभी उन्हें काफी कुछ करना होगा तब वो मोदी के मुकाबले खड़े हो पाएंगे.”
भदौरिया के मुताबिक, “भाषण खत्म करने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झप्पी देकर बड़ा मैसेज दिया है. इसका मतलब यह है कि प्यार कायम रहना चाहिए, भाईचारा बना रहना चाहिए, लेकिन राहुल को यह नहीं बोलना चाहिए था कि मैं बीजेपी के लिए पप्पू हो सकता हूं...”
विश्लेषक भले ही राहुल गांधी के भाषण की तारीफ कर रहे हों लेकिन सत्ता पक्ष को उनका अंदाज अच्छा नहीं लगा. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने संसद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दिए गए भाषण को नशे में दिया गया भाषण बताया. प्रधानमंत्री से संसद में गले मिलने को उन्होंने स्क्रिप्टेड बताया. बादल ने कहा, 'पहले से लिखी हुई पटकथा के अनुसार ही राहुल गांधी प्रधानमंत्री के गले लगे हैं.'
क्या पहले से आक्रामक हो गए हैं राहुल गांधी?
यही नहीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने राहुल गांधी को संसद की गरिमा का पाठ पढ़ाया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को शायद पता नहीं है कि सदन में किसी का नाम लेकर आरोप नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने कहा कि जब तक कोई सबूत हाथ में न हों तब तक किसी भी घोटाले के बारे में सदन में किसी के भी ऊपर आरोप नहीं लगाया जा सकता. राहुल ने राफेल डील में घोटाले का मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम लेते हुए कई आरोप लगाए.
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