दिल्ली में प्रदूषण: फाइल फोटो
खबर थोड़ी परेशान करने वाली है. दिवाली से पहले ही दिल्ली का दम घुटने लगा है. ये हम नहीं सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एण्ड वेदर फॉरकास्टिंग एण्ड रिसर्च (सफर) और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े कह रहे हैं.
सफर के आंकड़ों पर गौर करें तो पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 और 10 की बढ़ती मात्रा से दिल्ली की हवा बेहद ही खराब हो रही है. वहीं सफर ने आगे आने वाले दिनों के लिए भी चेतावनी जारी करते हुए दिल्ली की हवा खराब रहने की आशंका जताई है.
दिवाली से पहले ही पराली के धुंए ने एनसीआर की हवा को जहरीला बनाना शुरू कर दिया है. पिछले दो दिनों से दिल्ली में कई जगहों पर हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है. यहां पर पीएम 2.5 की मात्रा 5 गुना तक अधिक हो गई है. पिछले साल दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर दमघोंटू स्मॉग की चपेट में आ गया था.
जानकरों के अनुसार आने वाले दो-तीन दिनों में प्रदूषण के स्तर में सुधार होने की संभावना भी नहीं दिख रही है. धुंए की चादर इस बीच सुबह के समय गहरी दिखाई देने लगी है. सुबह वॉक पर निकल रहे लोग भी परेशान हो रहे हैं.
इस समय दिल्ली के कई क्षेत्र में हवा सामान्य से 5 गुना तक अधिक प्रदूषित हो गई है. खास तौर से पीएम 2.5 का बढ़ता स्तर इस समय चिंताजनक बना हुआ है. पीतमपुरा में 311, दिल्ली यूनिवर्सिटी में 329, धीरपुर में 215, मथुरा रोड पर 305, एयरपोर्ट पर 228, लोधी रोड पर 225, आया नगर में 226, गुड़गांव में 245 और नोएडा में 204 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा.
40 पर्सेंट पल्यूशन एनसीआर के बाहर से आने वाले धुंए की वजह से बढ़ता है. इसमें पराली जलाना, खाना पकाने के लिए डोमेस्टिक बायोमास, इंडस्ट्री और पावर प्लांट का धुंआ शामिल है.
60 पर्सेंट पल्यूशन की वजह दिल्ली-एनसीआर में ही है. इसमें ट्रांसपोर्ट, सड़कों पर धूल, कंस्ट्रक्शन साइटों पर धूल, खुले में कूड़ा जलाना, डोमेस्टिक बायोमास, इंडस्ट्री से निकलने वाला धुंआ और डीजी सेट्स शामिल हैं.
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