पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी तीन तलाक हो रहे हैं. चार महीने में सौ तुरंत वाले तीन तलाक हो गए. खुद मेरे शहर बहराइच में तलाक हुआ. इसलिए तीन तलाक पर सजा का होना बहुत जरूरी है. ये कहना है पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान का. न्यूज़18 हिन्दी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सजा का कानून कोई नया नहीं है.
उन्होंने कहा कि हजरत उमर के जमाने में भी सजा मुकर्रर थी. पहले 40 कोड़े लगाए जाते थे. अगर आज किसी को 40 कोड़े लगाए जाएं तो उसका क्या हाल होगा, आप समझ ही सकते हैं. इसलिए तीन साल की सजा का कानून सही है.
खान ने बताया, 'हां कुछ लोग हैं, मौलाना और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे जो लोगों को भड़का रहे हैं. ये वो लोग हैं जो शरीयत के नाम पर दीन को बेच रहे हैं. ये सुप्रीम कोर्ट में एक वकील तो खड़ा कर नहीं सकते. और बात करते हैं शरीयत की.'
उनके अनुसार, 'अभी तक तीन तलाक देने के तीन महीने बाद शौहर की किसी भी तरह की कोई जिम्मेदारी नहीं होती थी. गुजारा भत्ते की परेशानी आती थी. इसलिए जब तीन तलाक ही नहीं होगा तो गुजारा भत्ते की बात भी नहीं उठेगी.'
वेतन लेने वालों से तीन तलाक पर मशविरा कैसा
तीन तलाक बिल में संशोधन होना चाहिए, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित दूसरी मुस्लिम संस्थाओं से भी बिल के बारे में मशविरा लेना चाहिए. इस बारे में आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि जब कोर्ट आदेश कर चुका है तो फिर वेतन पाने वाले लोगों से मशविरा कैसा. क्या चोरी और डकैती जैसे कानून बनाते वक्त भी मशविरा होना चाहिए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Triple talaq
Budget 2023 Memes- 'बैठे क्या हो नाचो...' बजट पेश होने के बाद सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़, देखें लोगों का रिएक्शन...
पाकिस्तानी क्रिकेटर जेल में काट रहा था सजा, अपनी ही वकील को दे बैठा दिल, बहुत फिल्मी है कहानी
कास्टिंग काउच, कंप्रोमाइज, सिर्फ एक्ट्रेस ही नहीं, इस टीवी एक्टर ने भी झेला समझौते का दर्द! खुद बताई आपबीती