बसपा प्रमुख मायावती
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में सबसे दिलचस्प बहुजन समाज पार्टी का फिर से उभरना है. उसने 16 में से दो नगर निगमों अलीगढ़ और मेरठ पर कब्जा जमाया है. ज्यादातर निगमों में बसपा दूसरे नंबर पर रही है.
बीएसपी ने पहली बार सिंबल पर यह चुनाव लड़ा और भाजपा को टक्कर देने वाली पार्टी के रूप में उभरी. मेयर का चुनाव शहरी क्षेत्र में होता है, जहां पारंपरिक तौर पर बीजेपी की पकड़ मजबूत मानी जाती है, फिर भी उसने दो निगमों पर कब्जा किया.
हालांकि नगर निगम के पार्षदों के लिहाज से बात करें तो वह समाजवादी पार्टी से पीछे है. सपा के 158, बसपा के 127 और भाजपा के 463 पार्षद चुने गए हैं. यह चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा था. बसपा ने उन्हें 100 फीसदी नंबर नहीं लेने दिया.
वरिष्ठ पत्रकार सुभाष निगम कहते हैं कि "यूपी में बीएसपी को नकारा नहीं जा सकता, इस चुनाव के परिणाम यही बता रहे हैं. मायावती साबित कर रही हैं कि वह प्रदेश में एक विकल्प हैं. अगर इस चुनाव में बीएसपी अच्छा प्रदर्शन करती है तो उसका खोया रसूख वापस मिलना शुरू हो जाएगा."
बसपा को निकाय चुनाव में दो मेयर मिले हैें
पार्टी 2012 से विभिन्न चुनावों में लगातार हार और जनाधार में गिरावट झेल रही है. 2012 में बसपा को सपा ने विधानसभा चुनाव में हराया था. इसके बाद 2014 में लोकसभा चुनाव में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी. वहीं 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी 403 में महज 19 सीट ही हासिल कर सकी.
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Tags: BJP, BSP, Mayawati, Uttar Pradesh Politics
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