अग्नि पंचक के नाम से ही पता चलता है कि इसमें आपको आग से संबंधित नए कार्य नहीं करने चाहिए.
November 2022 Panchak: आज 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. आज शाम से अग्नि पंचक लग रहा है. इसमें आपको अग्नि से संबंधित नए कार्यों को करने की मनाही होती है. आज से अगले पांच दिनों तक पंचक रहेगा. पंचक में शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है क्योंकि इसमें किए गए कार्य फलित नहीं होंगे और उसके अशुभ फल भी प्राप्त हो सकते हैं. अग्नि पंचक क्या है? इसमें कौन से काम करने वर्जित हैं? कब से कब तक पंचक रहेगा? काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं इन प्रश्नों के जवाब.
अग्नि पंचक 2022 समय
पंचांग के आधार पर आज शाम 07 बजकर 51 मिनट से अग्नि पंचक लग रहा है. मंगलवार या बुधवार के दिन नक्षत्रों और राशियों के संयोग से अग्नि पंचक लगता है.
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अग्नि पंचक कब से कब तक?
अग्नि पंचक 29 नंवबर दिन मंगलवार से 04 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 16 मिनट तक है.
29 नंवबर: पंचक, शाम 07:51 बजे से अगली सुबह 06:55 बजे तक.
30 नंवबर: पंचक, पूरे दिन.
01 दिसंबर: पंचक, पूरे दिन.
02 दिसंबर: पंचक, पूरे दिन.
03 दिसंबर: पंचक, सुबह 06:58 बजे से अगली सुबह 06:16 बजे तक.
अग्नि पंचक में क्या न करें
अग्नि पंचक के नाम से ही पता चलता है कि इसमें आपको आग से संबंधित नए कार्य नहीं करने चाहिए. इसका मतलब यह है कि जब से पंचक प्रारंभ हो रहा है, तब से नए चूल्हे को नहीं जलाना चाहिए. उसका उपयोग नहीं करना चाहिए. ऐसे ही इस समय में आपको यज्ञ या हवन के लिए भी अग्नि नहीं जलानी चाहिए. अग्नि पंचक में हवन, यज्ञ आदि वर्जित माने गए हैं.
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पंचक क्या होता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा जब मीन और कुंभ राशि में भ्रमण करता है तो पंचक का निर्माण होता है. इस दौरान रेवती नक्षत्र, धनिष्ठा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और शतभिषा नक्षत्र होते हैं. इन सभी के संयोग से पंचक लगता है.
पचंक में क्या न करें
जब भी पंचक लगता है तो उस समय से आपको लकड़ी एकत्र नहीं करना चाहिए. पलंग या चौकी नहीं बनवाना चाहिए. मकान की छत नहीं लगवानी चाहिए. इतना ही नहीं, इस समय में शवों का दाह संस्कार भी वर्जित होता है. पंचक में कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं करते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पंचक में किसी की मृत्यु होती है तो पांच अन्य लोगों की मृत्यु होती है और पचंक में बच्चा जन्म लेता है तो घर में पांच बच्चों के जन्म का संयोग बनता है. कहा जाता है कि पंचक में जिन लोगों का निधन होता है, उनकी आत्मा की शांति के लिए घर पर गरुड़ पुराण का पाठ कराएं या फिर उसमें बताए गए उपायों को विधिपूर्वक करें.
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