हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस खास दिन पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है. कहा जाता है कि सरस्वती माता का जन्म इसी दिन हुआ था.
Basant Panchami 2021: बसंत पंचमी की तिथि का हिंदू परंपरा में बेहद विशिष्ट स्थान है. माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस तिथि का विशेष महत्व इसलिए भी हो जाता है क्योंकि, ऋतुराज बसंत की शुरुआत इसी दिन से होती है. मान्यता अनुसार, बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती (Maa Saraswati) का पूजन अर्चन किया जाता है.
बसंत पंचमी 2021 के पूजन की संपूर्ण विधि
हिंदू परंपरा में बसंत पंचमी के दिन, मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना की जाती है जिसके पश्चात अगले दिन उसी प्रतिमा का पूरे विधि-विधान अनुसार विसर्जन कर दिया जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन पीला वस्त्र धारण करने, हल्दी से मां सरस्वती की पूजा करने और उस हल्दी का तिलक लगाने की भी परंपरा है. माना गया है कि ऐसा करने से मां सरस्वती की अपार कृपा प्राप्त होती है.
बसंत पंचमी पर पीले रंग का महत्व
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी दिन से ठंड के मौसम का समापन होने के साथ ही, वसंत ऋतु का आगमन हो जाता है. इसी समय से वातावरण बेहद सुन्दर रूप धारण करने लगता है, जिससे पेड़ों पर नई-नई पत्तियां खिलने लगती है. वहीं इस दौरान देश के कई राज्यों में सरसों की फसलों की वजह से भी, धरती का रंग पीला नजर आने लगता है.
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बसंत पंचमी के विभिन्न रूप
-बसंत पंचमी के दिन पवित्र नदियों, घाटों और तलाबों के तट पर भारी भीड़ उमड़ती है और लोग नदी में स्नान के पश्चात ही मां सरस्वती की पूजा करते हैं.
-पंजाब, हरियाणा, हिमाचल के लोग बड़ी संख्या में इस पावन दिन पर हिमाचल प्रदेश के गर्म पानी के स्त्रोत तातापानी में इकट्ठे होते हैं और वहां के सल्फर युक्त गर्म पानी में स्नान करते हैं.
-पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा में भी लोग ढाक की थापों के बीच बसंत पंचमी का त्योहार उत्साह के साथ मनाते हैं.
बसंत पंचमी पर नए कार्य का करें शुभारंभ
हिन्दू परंपरा के अनुसार, इस पवित्र पर्व पर किसी भी तरह के नए काम का आरंभ करना बेहद शुभ होता है. माना गया है कि बसंत पंचमी के दिन शुरू किया हर कार्य सफल होता है. इसलिए गृह प्रवेश हो या नया व्यवसाय प्रारंभ करना हो, अगर आपको कोई भी उपयुक्त मुहूर्त न मिल रहा हो तो आप बसंत पंचमी की तिथि पर उस कार्य की शुरुआत या फिर उसे संपन्न कर सकते हैं. (साभार- Astrosage.com)
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