Basant Panchami 2022: भारत में 6 ऋतुएं होती हैं, जिसमें वसंत को ऋतुराज कहा जाता है. माघ मास (Magh Month) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है. वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) होती है. इस दिन कामदेव (Kaamdev) की भी पूजा की जाती है. वसंत पंचमी के दिन कई स्थानों पर पतंगबाजी का भी आयोजन किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी को पीले वस्त्र पहनने चाहिए. बालकों के शिक्षा का प्रारंभ आज से कराना चाहिए. इस दिन ही ज्ञान की देवी मां सरस्वती का उद्भव हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा करने की परंपरा है. आइए जानते हैं कि इस वर्ष वसंत पंचमी कब है? तिथि एवं मुहूर्त क्या है?
हिन्दू कैलेंडर के आधार पर माघ माह के शुक्ल पंचमी की शुरुआत 05 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट पर हो रहा है. इसका समापन 06 फरवरी को प्रात: 03 बजकर 46 मिनट पर होगा. हिन्दू धर्म में तिथियों की मान्यता सूर्योदय से होती है, ऐसे में वसंत पंचमी 05 फरवरी दिन शनिवार को मनाई जाएगी.
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वसंत पंचमी पर जिन लोगों को सरस्वती पूजा करनी है, उनको सुबह 07 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के मध्य कर लेनी चाहिए. यह पूजा के लिए अच्छा समय है. वसंत पंचमी के दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक है. इस दिन राहुकाल सुबह 09 बजकर 51 मिनट से दिन में 11 बजकर 13 मिनट तक है.
कैसे मनाते हैं वसंत पंचमी?
वसंत पंचमी के दिन लोग मां सरस्वती की मूर्ति स्थापना करते हैं. शुभ मुहूर्त में उनकी पूजा करते हैं. स्कूलों में इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है. सरस्वती पूजा के दिन लोग एक दूसरे को लाल और पीले गुलाल लगाते हैं.
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यह प्रकृति के उत्सव का भी पर्व होता है क्योंकि इस समय सर्दी और गर्मी का संतुलन होता है, चारों ओर खेतों में सरसों के फूल खिले होते हैं, लगता है कि धरती पीले रंग की चादर ओढ़ रखी हो.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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