माता सरस्वती की पूजा करके आप बच्चों को वसंत पंचमी का महत्व बता सकते हैं (Photo: Freepik)
इस साल वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा आज 26 जनवरी गुरुवार को है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं. इस साल वसंत के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत 4 शुभ योग बन रहे हैं और राज पंचक योग भी बन रहा है. इन शुभ योग में सरस्वती पूजा करने से आपके मन की मुराद पूरी हो सकती है. यदि आप अपने घर पर सरस्वती पूजा करना चाहते हैं, मां सरस्वती मूर्ति स्थापना करना चाहते हैं तो आपको मुहूर्त, पूजा और हवन सामग्री के बारे में पहले से ही जानना होगा, ताकि वसंत पंचमी से पूर्व उसकी व्यवस्था कर लें, जिससे आपकी पूजा विधिपूर्वक संपन्न हो सके.
वसंत पंचमी पूजा मुहूर्त 2023
श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी बताते हैं कि इस साल सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह से ही बना हुआ है. 26 जनवरी को सुबह 07:12 बजे से आप मां सरस्वती की पूजा कर सकते हैं. पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:34 बजे तक है.
यह भी पढ़ें: वसंत पंचमी पर बन रहे हैं 4 शुभ योग, पंचक के साथ शिववास, मां सरस्वती के साथ पाएं शिव आशीर्वाद
सरस्वती पूजा की सामग्री
सरस्वती पूजा के लिए मां शारदा की एक मूर्ति या फिर तस्वीर, गणेश जी की मूर्ति, लकड़ी की एक चौकी, उसके लिए एक पीला वस्त्र, मां सरस्वती के लिए पीले रंग की साड़ी और चुनरी, पीले फूल और उसकी माला, पीले रंग का गुलाल, रोली, चंदन, अक्षत्, दूर्वा, गंगाजल, एक कलश, सुपारी, पान का पत्ता, अगरबत्ती, आम के पत्ते, धूप, गाय का घी, कपूर, दीपक, हल्दी, तुलसी पत्ता, रक्षा सूत्र, भोग के लिए मालपुआ, खीर, बेसन के लड्डू, दूध से बनी बर्फी आदि.
सरस्वती पूजा विधि
सबसे पहले चौकी पर मां सरस्वती, गणेश जी और कलश की स्थापना करेंगे. उसके बाद उनका जल से अभिषेक करें. फिर माता सरस्वती और गणेश जी को पूजन सामग्री अर्पित करेंगे. उसके बाद भोग लगाएंगे. इस दौरान सरस्वती चालीसा, सरस्वती वंदना, गणेश मंत्र और दोनों की आरती करनी चाहिए.
यह भी पढ़ें: वसंत पंचमी पर सरस्वती वंदना से करें मां शारदा को प्रसन्न, जानें आरती
हवन साम्रगी
सरस्वती पूजा के हवन के लिए एक कुंड, आम, चंदन, बेल, नीम, मुलैठी, पीपल, गुलर, पलाश, अश्वगंधा आदि की सूखी लकड़िया, तना, छाल आदि, गाय के गोबर की उप्पलें, एक पैकेट हवन सामग्री, लोभान, गुग्गल, शक्कर, अक्षत्, काला तिल, घी, जौ, सूखा नारियल, एक लाल रंग का कपड़ा, मौली या रक्षा सूत्र, कपूर आदि.
सरस्वती पूजा की हवन विधि
पूजा के बाद हवन कुंड में सामग्री डालकर कपूर और उप्पलों की मदद से आग जलाएं. फिर सबसे पहले गणेश जी, त्रिदेव, नौ ग्रह के लिए आहुति दें. फिर आप ओम श्री सरस्वत्यै नम: स्वहा मंत्र का जाप करते हुए कम से कम 108 बार मां सरस्वती के लिए आहुति दें. उसके बाद सूखे नारियल को मौली या लाल रंग के कपड़े से बांधकर हवन में स्थापित कर दें. फिर मां सरस्वती की आरती करके पूजा का समापन करें.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Basant Panchami, Dharma Aastha, Saraswati Puja