Basant Panchami Katha: बसंत पंचमी के दिन जरूर पढ़ें यह पौराणिक कथा, मां सरस्वती की बरसेगी कृपा
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Basant Panchami Katha: बसंत पंचमी माघ शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है, इस साल आज 2 फरवरी को है. यह वसंत ऋतु के आगमन और देवी सरस्वती की पूजा का प्रतीक है. पीले वस्त्र और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का विशेष महत्व है.
बसंत पंचमी 2025 कथा हिंदी मेंBasant Panchami Vrat Katha In Hindi: बसंत पंचमी का त्योहार हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल आज 2 फरवरी को यह त्योहार मना जा रहा है. बसंत पंचमी वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और इसे ज्ञान, विद्या और कला की देवी सरस्वती की पूजा के रूप में भी मनाया जाता है.
वसंत पंचमी सरस्वती पूजा कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की, परंतु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे. उन्हें लगा कि उनकी सृष्टि में कुछ कमी है. हर तरफ नीरवता छाई हुई थी. तब उन्होंने विष्णु जी से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पर छिड़क दिया, जिससे पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई.
यह देवी मां सरस्वती थीं. उनके एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में माला, तीसरे हाथ में पुस्तक और चौथे हाथ में वर मुद्रा थी. ब्रह्माजी ने उन्हें ज्ञान की देवी के रूप में पूजा और उन्हें वाणी, विद्या और कला की देवी के रूप में स्थापित किया.
कहा जाता है कि जब ब्रह्माजी ने देवी सरस्वती को प्रकट किया, तो वसंत ऋतु का आगमन हुआ. इसलिए, बसंत पंचमी को देवी सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.
महत्व
बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान, विद्या और कला के महत्व को दर्शाता है. इस दिन लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान, बुद्धि और कला का आशीर्वाद मांगते हैं. यह त्योहार छात्रों, शिक्षकों, कलाकारों और संगीतकारों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.
इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है. लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और पीले रंग के फूल, फल और मिठाई देवी सरस्वती को अर्पित करते हैं. पीले रंग को ज्ञान, पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
बसंत पंचमी के दिन कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. लोग गीत, संगीत और नृत्य के माध्यम से वसंत ऋतु का स्वागत करते हैं. यह त्योहार प्रकृति के सौंदर्य और जीवन के उत्सव का प्रतीक है.
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बसंत पंचमी एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो ज्ञान, विद्या और कला के महत्व को दर्शाता है. यह त्योहार हमें प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेने और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देता है.
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