शिवलिंग की पूजा करने के बाद मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. (Image-shutterstock)
Mrityunjay Mantra: भगवान भोलेनाथ सभी देवी-देवताओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. इनके भक्तों की संख्या अनगिनत है. भगवान शिव (Lord Shiva) की भक्ति और उपासना के लिए सोमवार (Monday) का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. कहते हैं कालों के काल महाकाल की, जो भी भक्त सच्चे मन से आराधना करता है उसके ऊपर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं आता. भगवान शिव का मृत्युंजय मंत्र जिसके बारे में पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता है कि इस मंत्र का जो भी नियमित रूप से जाप करेगा कभी उसकी अकाल मृत्यु नहीं होगी. जिस व्यक्ति को दीर्घायु होना है वे मृत्युंजय मंत्र का जाप कर भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं.
आज हम भोपाल के रहने वाले पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष से जानेंगे कि महा मृत्युंजय और लघु मृत्युंजय मंत्र का क्या लाभ है.
महा मृत्युंजय मंत्र का पुरश्चरण सवा लाख है और लघु मृत्युंजय मंत्र छोटा है लेकिन इसका पुरश्चरण 11 लाख है.
ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात् !!
समस्त संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले शिव की हम अराधना करते हैं. विश्व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शिव मृत्यु न कि मोक्ष से हमें मुक्ति दिलाएं.
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ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ। किसी दुसरे के लिए जप करना हो तो-ॐ जूं स (उस व्यक्ति का नाम जिसके लिए अनुष्ठान हो रहा हो) पालय पालय स: जूं ॐ
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दोनों में से किसी भी मंत्र का जाप ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, रोग, जमीन-जायदाद का विवाद, हानि की सम्भावना या धन-हानि हो रही हो, वर-वधू के मेलापक दोष, घर में कलह, सजा का भय या सजा होने पर लाभ पहुंचाता है.
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