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Chaitra Amavasya 2023: आज है साल की पहली भौमवती अमावस्या, जान लें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

भौमवती अमावस्या पर पंचक लगा है और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है.

भौमवती अमावस्या पर पंचक लगा है और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है.

Chaitra Amavasya March 2023: आज 21 मार्च मंगलवार को भौमवती अमावस्या है. आज चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि होन ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

आज प्रात: किसी पवित्र नदी में स्नान करें या फिर घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें.
पितरों को जल से तर्पण दें. फिर सूर्य देव को जल, लाल फूल, लाल चंदन से अर्घ्य दें.

आज 21 मार्च मंगलवार को भौमवती अमावस्या है. आज चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि होने के कारण चैत्र अमावस्या है. मंगलवार की अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहते हैं. आज के दिन स्नान दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. भौमवती अमावस्या को वीर हनुमान की पूजा करते हैं और धरती पुत्र कहे जाने वाले मंगल देव की भी पूजा होती है. भौमवती अमावस्या पर पंचक लगा है और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं भौमवती अमावस्या के मुहूर्त, स्नान, दान और पूजा विधि के बारे में.

भौमवती अमावस्या 2023 मुहूर्त
चैत्र आमवस्या तिथि का प्रारंभ: आज, मंगलवार, 01:47 एएम से
चैत्र आमवस्या तिथि का समापन: कल, बुधवार, 01:52 एएम पर
सर्वार्थ सिद्धि योग: आज, शाम 05:25 बजे से कल सुबह 06:23 बजे तक.
शुभ योग: आज, सुबह से दोपहर 12:42 बजे तक
शुक्ल योग: आज, दोपहर 12:42 बजे से
स्नान-दान मुहूर्त: प्रात: 04:49 बजे से सुबह 05:37 बजे तक, सूर्यो्दय 06:24 बजे के बाद तक भी
आज का शुभ मुहूर्त: दोपहर 12:04 बजे से दोपहर 12:53 बजे तक
पंचक: पूरे दिन

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भौमवती अमावस्या 2023 स्नान-दान और पूजा विधि
आज प्रात: किसी पवित्र नदी में स्नान करें या फिर घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें. उसके बाद पितरों को जल से तर्पण दें. फिर सूर्य देव को जल, लाल फूल, लाल चंदन से अर्घ्य दें. इसके बाद आप अन्न, वस्त्र, फल, मिठाई आदि का दान करें. मंगल ग्रह को मजबूत करना है तो लाल फूल, लाल वस्त्र, मसूर की दाल आदि का दान कर सकते हैं.

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यह आमवस्या मंगलवार के दिन है. इस वजह से भौमवती अमावस्या में हनुमान जी और मंगल देव की पूजा करें. हनुमान जी को सिंदूर, अक्षत्, फूल, माला, धूप, दीप, मोतीचूर के लड्डू चढ़ाएं. उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं. उसके बाद मंगल ग्रह के बीज मंत्र जाप कर लें.

अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और उसके नीचे एक दीपक जलाएं. इससे आपको पितरों, देवी और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा. आज पंचक है, लेकिन इसमें आप पूजा पाठ, स्नान, दान आदि कर सकते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Religion

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