अर्पित बड़कुल
दमोह. हिंदू चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन मध्य प्रदेश के दमोह जिले के तेजगढ़ गांव में गौरैया नदी के तट पर स्थित भगवान गणेश के मंदिर से घने जंगलों में वास करने वाली चुनौटिया माता के दरबार तक 10 किलोमीटर लंबी चुनरी यात्रा निकाली गई. घने जंगलों में वास करने वाली चुनौटिया माता को बंकागढ़ वासनी भी कहा जाता है. जबेरा के समाजसेवी विनोद राय के नेतृत्व में यह विशाल चुनरी यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में भारी संख्या में महिलाएं, युवा एवं गणमान्य नागरिक 1100 मीटर चुनरी को अपने हाथों में लेकर माता के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे. पूरी यात्रा के दौरान श्रद्धालु पुष्प वर्षा करते हुए चल रहे थे.
यह यात्रा दमोह जिले की ऐतिहासिक चुनरी यात्रा बन गई. इसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एक साथ नजर आए. आस्था और श्रद्धा के भाव में डूबे भक्तों का जनसैलाब मातारानी की भक्ति में सराबोर नजर आया. छोटी-छोटी बालिकाएं सिर पर कलश रख कर माता रानी के जयकारे लगाते हुए चली जा रही थीं. इस चुनरी यात्रा में दूर-दराज के ग्रामीण कस्बों से आए श्रद्धालुओं के साथ तमाम जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए.
चुनरी यात्रा के संयोजक विनोद राय ने बताया कि समस्त सनातनियों को एक करने और सनातन धर्म के प्रचार को लेकर यह विशाल चुनरी यात्रा निकाली गई है. उन्होंने कहा कि, दमोह की आंच पर आंसू उबालकर तो देखो, बनेंगे रंग किसी पर डाल कर तो देखो. दिल की चुभन यारों कम होगी, किसी के पैर का कांटा तो निकाल कर तो देखो. वहीं, पूर्व सांसद चंद्रभान सिंह ने कहा कि हमारा देश भारतीय सनातनी संस्कृति का प्रतीक है. सभी को एक करने के लिए भव्य चुनरी यात्रा निकली गई है.
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