होम /न्यूज /धर्म /Chaitra Navratra 2023: बाराबंकी के इस मंदिर में रात में आती हैं माता, चाह कर भी नहीं रुक सकते भक्त

Chaitra Navratra 2023: बाराबंकी के इस मंदिर में रात में आती हैं माता, चाह कर भी नहीं रुक सकते भक्त

X
नदी

नदी में एक कुंड है उस कुंड में परियों का वास है

इस मंदिर की विशेषता है कि यहां दर्शन करने आए भक्त अगर सच्चे मन से पूजा-अर्चना करें तो माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करत ...अधिक पढ़ें

संजय यादव

बाराबंकी. चैत्र नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा श्रद्धापूर्वक और विधि-विधान से की जाती है. नवरात्र में जगह-जगह मां दुर्गा के पूजा पंडाल सजाए जाते हैं. इस दौरान, मंदिरों में भक्तों की भारी उमड़ती है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले स्थित हर मंदिर की अपनी अलग कहानी है. न्यूज़ 18 लोकल आपको अद्भुत परी माता मंदिर के बारे में बताने जा रहा है. यहां माता के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं.

इस मंदिर की विशेषता है कि यहां दर्शन करने आए भक्त अगर सच्चे मन से पूजा-अर्चना करें तो माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि यहां प्रतिदिन रात्रि में परी माता आती हैं. इसलिये मंदिर परिसर या उसके आसपास रात के समय कोई नहीं रूक सकता.

बाराबंकी के सतरिख थाना क्षेत्र में परी माता का मंदिर है. मान्यता है कि नवरात्र में जो भक्त यहां पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ पूजा करते हैं व मन्नत मांगते हैं तो उनकी सभी मन्नतें पूर्ण होती हैं. नवरात्र में परी माता के मंदिर में जिले के कोने-कोने से भक्त आते ही हैं. साथ ही, यहां अन्य जगहों से भी हजारों श्रद्धालु आते हैं. नवरात्र के अलावा प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार के साथ हर महीने की पूर्णिमा को भी भक्त यहां दूर-दूर से आते हैं, और विधिवत हवन पूजन के साथ माता की पूजा-अर्चना करते हैं. श्रद्धालु यहां अपनी मान्यता के अनुसार माता को चुनरी, इत्यादि भेंट करते हैं.

भक्तों की मनोकामना होती है पूरी

मंदिर के पुजारी ने बताया कि पुरानी मान्यता के अनुसार कहा जाता है परी माता मंदिर के पश्चिम गोमती नदी बहती है. नदी में एक कुंड है, उस कुंड में परियों का वास है. वहीं आस पास के जो गांव है उनके यहां शादी होती थी तो खाना बनाने के लिए बर्तनों की जरूरत पड़ती थी. ऐसे में लोग आते थे और उस कुंड के पास परी माता से बर्तनों की मांग करते थे तो अगले दिन उन्हें मंदिर में बर्तन मिलते थे. जब काम खत्म हो जाता था लोग उन बर्तनों को मंदिर में वापस रख आते थे.

आज भी जो भक्त सच्चे मन से यहां माता की विधिवत पूजा-अर्चना करता है और अपनी मनोकामना मांगता है तो माता उसे जरूर पूर्ण करती हैं. भक्त यहां अपनी मन्नत मांगने के लिये चुनरी और धागे से गांठ भी लगाते हैं. श्रृद्धालुओं के मुताबिक जिन भक्तों की मनोकामना पूरी होती है वो यहां घंटा, प्रसाद आदि चढ़ाकर पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं. भक्त यहां अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी करते हैं. वहीं, महिलाएं यहां पिन्नी, दुरदरइया समेत कई विशेष पूजा करती हैं.

Tags: Barabanki News, Chaitra Navratri, Up news in hindi

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें