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आज चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन करें स्कंदमाता की पूजा, मिलेगा संतान प्राप्ति का वरदान, जानें मुहूर्त, पूजा विधि

चैत्र शुक्ल पंचमी तिथि को मां स्कंदमाता की पूजा करते हैं.

चैत्र शुक्ल पंचमी तिथि को मां स्कंदमाता की पूजा करते हैं.

5th Day Of Navratri Maa Skandmata Puja: आज 26 मार्च को चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है. आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

शेर पर सवार मां स्कंदमाता चार भुजाओं वाली देवी हैं.
वे अपने हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं और गोद में पुत्र स्कंदकुमार होते हैं.

आज 26 मार्च को चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है. आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा करते हैं. शेर पर सवार मां स्कंदमाता चार भुजाओं वाली देवी हैं. वे अपने हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं और उनकी गोद में उनके पुत्र स्कंदकुमार होते हैं. स्कंद कुमार की माता होने के कारण देवी का नाम मां स्कंदमाता है. स्कंद कुमार भगवान कार्तिकेय को ​कहते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, तारकासुर के वध के लिए देवी ने 6 मुखवाले स्कंद कुमार की उत्पत्ति की, आगे चलकर स्कंदकुमार ने तारकासुर का वध करके धर्म स्थापना की. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कृमार भार्गव से जानते हैं मां स्कंदमाता की पूजा विधि, मंत्र, मुहूर्त और महत्व.

मां स्कंदमाता का पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आज 26 मार्च को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शाम 04 बजकर 32 मिनट तक है. आज प्रात:काल से प्रीति योग बना है, जो रात 11 बजकर 33 मिनट तक है. उसके बाद से आयुष्मान योग प्रारंभ होगा. आज रवि योग दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 18 मिनट तक है.

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मां स्कंदमाता के मंत्र
बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
पूजा मंत्र: ओम देवी स्कन्दमातायै नमः
महाबले महोत्साहे महाभय विनाशिनी। त्राहिमाम स्कन्दमाते शत्रुनाम भयवर्धिनि।।

मां स्कंदमाता की पूजा विधि
आज प्रात: स्नान के बाद मां स्कंदमाता की पूजा करें. मां स्कंदमाता को लाल पुष्प जैसे गुड़हल, गुलाब, अक्षत्, कुमकुम, धूप, दीप, नैवेद्य, गंध आदि चढ़ाएं. इस दौरान मां स्कंदमाता के मंत्रों का उच्चारण करें. उसके बाद माता को केले और बताशे का भोग लगाएं. उसके बाद उनके बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं. फिर कपूर या घी के दीपक से स्कंदमाता की आरती करें. उसके बाद अपनी मनोकामना देवी के समक्ष व्यक्त करें.

स्कंदमाता की पूजा के फायदे
जो लोग संतानहीन हैं, उन लोगों को स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए. स्कंदमाता की आराधना से संतान की प्राप्ति होती हैं. देवी स्कंदमाता दुखों को दूर करने वाली हैं. परिवार के खुशहाली और सुखी जीवन के लिए भी स्कंदमाता की पूजा करते हैं. कार्यों में सफलता और मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी स्कंदमाता की आराधना की जाती है. स्कंदमाता की कृपा से पाप भी दूर हो जाते हैं.

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देवी स्कंदमाता की आरती
जय तेरी हो स्कंदमाता,
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की जानन हारी,
जग जननी सब की महतारी।

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं,
हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।
कई नामों से तुझे पुकारा,
मुझे एक है तेरा सहारा।

कहीं पहाड़ों पर है डेरा,
कई शहरों में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे,
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।

भक्ति अपनी मुझे दिला दो,
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आदि देवता मिल सारे,
करें पुकार तुम्हारे द्वारे।

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए,
तुम ही खंडा हाथ उठाएं।
दास को सदा बचाने आईं,
चमन की आस पुराने आई।

Tags: Chaitra Navratri, Dharma Aastha, Navratri

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