धनतेरस के दिन कीमती धातु, बर्तनों की खरीदी की जाती है.
Dhanteras 2021: धनतेरस (Dhanteras) से दिवाली (Diwali) महापर्व की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है. धनतेरस का दिन घर में सुख-शांति और समृद्धि आने का दिन माना जाता है. इस दिन घर में नई चीजों को खरीदकर लाने की परंपरा है और उस चीज की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस दिन मां महालक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, यमराज और भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस पर सोने-चांदी (Gold and Silver) और घर के बर्तनों को खरीदना शुभ होता है. यही वजह है कि धनतेरस के दिन सराफा बाजार और बर्तन बाजार की रौनक देखते ही बनती है.
कई लोग ऐसे भी हैं जो धनतेरस पर महंगी धातु या फिर बर्तनों को नहीं खरीद पाते हैं. ऐसे में उनके मन में ये सवाल बना रहता है कि अब उनके द्वारा की गई पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सकेगा या नहीं. ऐसे लोगों को बिल्कुल घबराने की जरुरत नहीं है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह इस दिन विधि-विधान से पूजा कर आप उसका संपूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
महंगी खरीदी ज़रूरी नहीं
धनतेरस का दिन धार्मिक लिहाज से काफी महत्व रखता है. धन के देवता कुबेर, भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और यमराज की इस दिन विशेष पर पूजा की जाती है. ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रभूषण व्यास के अनुसार ये ज़रूरी नहीं है कि धनतेरस के दिन कोई कीमती धातु जैसे सोना या चांदी अथवा घर के बर्तनों की खरीदी ही की जाए. अगर कोई सिर्फ 5 रुपए कीमत का भी नया पेन खरीदकर उसे पूजन के स्थान पर रखता है तो भी उसे उतना ही पुण्य फल प्राप्त होगा जितना की पूजा में सोने या चांदी के नए आभूषण रख पूजा करने पर मिलेगा. हर नई खरीदी गई चीज में कुबेर देवता का ही वास होता है.
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धनतेरस पर किसी नई चीज को खरीदकर उसकी पूजा करना प्रतीकात्मक होता है. घर में नई चीज़ आने से उत्साह का संचार होता है जो हमारी खुशियों को बढ़ा देता है और दीपोत्सव पर्व का आनंद देता है. इस दिन सही तरीके से पूजन करने से दरिद्रता में भी कमी आती है.
धनतेरस खरीदारी के शुभ मुहूर्त
पंडित चंद्रभूषण व्यास के अनुसार इस साल दीपोत्सव पर्व की शुरुआत 02 नवंबर (मंगलवार) को धनतेरस से हो रही है. यह दिन मकान, दुकान आभूषण या वाहन की खरीदी के लिए भी काफी शुभ माना जाता है.
धनतेरस – 02 नवंबर, मंगलवार
धन त्रयोदशी पूजन मुहूर्त
लाभ – प्रात: 11.31 से 12.10 तक
अभिजित – प्रात: 11.48 से 12.33 तक
अमृत – दोपहर 12.10 से 01.34 तक
लाभ – शाम 07.23 से 08.59 तक
शुभ – रात्रि 10.35 से 12.35 तक
नोट – राहू काल दोपहर 2.59 से 04.23 तक मुहूर्त का अभाव रहेगा.
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Tags: Diwali 2021, Religion, धर्म