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Gupt Navratri 2021: गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन आज, महाविद्या तारा देवी की पूजा से दूर होंगे कष्ट, पढ़ें कथा

तारा देवी मां काली का ही रूप हैं. (साभार: shutterstock/Mr. Mahato)

तारा देवी मां काली का ही रूप हैं. (साभार: shutterstock/Mr. Mahato)

Gupt Navratri 2021 Second Day Worship Mahavidya Tara Devi: तारा देवी नर-मुंड की माला पहनती हैं और इन्हें तंत्र शास्त्र ...अधिक पढ़ें

    Gupt Navratri 2021 Second Day Worship Mahavidya Tara Devi: गुप्त नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. आज महाविद्या तारा देवी की पूजा अर्चना की जाएगी. तारा देवी को मां काली (Maa Kali) का स्वरुप बताया गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तारा देवी श्मशान की देवी हैं. तारा देवी नर-मुंड की माला पहनती हैं और इन्हें तंत्र शास्त्र की देवी माना गया है. इनकी पूजा से सारे कष्ट मिट जाते हैं. तारा देवी के 3 रूप हैं- उग्र तारा, एकजटा और नील सरस्व. आइए जानते हैं तारा देवी की कथा....

    तारा देवी की कथा:
    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी तारा की उत्पत्ति मेरु पर्वत के पश्चिम भाग में, चोलना नदी के तट पर हुई. हयग्रीव नाम के दैत्य के वध हेतु देवी महा-काली ने ही, नील वर्ण धारण किया था.

    सर्वप्रथम स्वर्ग-लोक के रत्नद्वीप में वैदिक कल्पोक्त तथ्यों तथा वाक्यों को देवी काली के मुख से सुनकर, शिव जी अपनी पत्नी पर बहुत प्रसन्न हुए. शिव जी ने महाकाली से पूछा, आदि काल में अपने भयंकर मुख वाले रावण का विनाश किया, तब आश्चर्य से युक्त आप का वह स्वरूप 'तारा' नाम से विख्यात हुआ. उस समय, समस्त देवताओं ने आप की स्तुति की थी तथा आप अपने हाथों में खड़ग, नर मुंड, वार तथा अभय मुद्रा धारण की हुई थी, मुख से चंचल जिह्वा बहार कर आप भयंकर रुपवाली प्रतीत हो रही थी. आप का वह विकराल रूप देख सभी देवता भय से आतुर हो कांप रहे थे, आपके विकराल भयंकर रुद्र रूप को देखकर, उन्हें शांत करने के निमित्त ब्रह्मा जी आप के पास गए थे.

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    समस्त देवताओं को ब्रह्मा जी के साथ देखकर देवी, लज्जित हो आप खड़ग से लज्जा निवारण की चेष्टा करने लगी. रावण वध के समय आप अपने रुद्र रूप के कारण नग्न हो गई थी तथा स्वयं ब्रह्मा जी ने आपकी लज्जा निवारण हेतु, आपको व्याघ्र चर्म प्रदान किया था. इसी रूप में देवी 'लम्बोदरी' के नाम से विख्यात हुई. तारा-रहस्य तंत्र के अनुसार, भगवान राम केवल निमित्त मात्र ही थे, वास्तव में भगवान राम की विध्वंसक शक्ति देवी तारा ही थी, जिन्होंने लंका पति रावण का वध किया. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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    Tags: Religion

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