गुरु के खराब होने से व्यक्ति संस्कारहीन हो सकता है.
Guru Graha Negative Effects: ज्योतिषशास्त्र में गुरु ग्रह यानि बृहस्पति को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है. गुरु ग्रह मांगलिक कार्यों के लिए उत्तरदायी माना जाता है. गुरु ग्रह के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति को यश, कीर्ति, ज्ञान आदि सबकुछ मिलता है. लेकिन यही गुरु ग्रह किसी की कुंडली में खराब स्थिति में हो यानि उसकी स्थिति कमजोर हो या गुरु दोष उत्पन्न कर रहा हो तो फिर वह व्यक्ति के लिए कई प्रकार की समस्याएं पैदा कर देता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि खराब गुरु ग्रह की स्थिति से मनुष्यों को कौन सी समस्याएं हो सकती हैं.
खराब गुरु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव
1. यदि आपकी कुंडली में गुरु ग्रह नीच स्थिति में है या गुरु दोष है तो सबसे पहले आपकी शिक्षा प्रभावित होती है. आपको बहुत ही कठिनाई से शिक्षा मिलती है या आप उसे पूरी नहीं कर पाते हैं. गुरु ग्रह के कारण शिक्षा और ज्ञान प्राप्त होता है.
2. गुरु ग्रह का दुष्प्रभाव होता है तो व्यक्ति के विवाह में बाधाएं उत्पन्न होती हैं और उसके दांपत्य जीवन में समस्याएं हो सकती हैं.
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3. गुरु के खराब होने से व्यक्ति संस्कार और चरित्रहीन हो सकता है. उसके अपने कार्यों से यश की प्राप्ति नहीं होती है और न ही उसे कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. वह जिस कार्य को करने जाता है, उसमें कई प्रकार की अड़चनें आती हैं.
4. यदि आपका गुरु खराब है तो आपको धन भी आसानी से प्राप्त नहीं होता है और न ही किसी कार्य में आपके बड़े ही सहयोग करते हैं. इस ग्रह का दुष्प्रभाव ऐसा है कि व्यक्ति का सोना भी खो सकता है. सोने के आभूषण खोने का अर्थ है कि आपका गुरु खराब है.
5. गुरु के खराब होने से संतान से जुड़ी भी समस्याएं हो सकती हैं. आपको लोगों से विश्वासघात होता है. मकान में कोई खराबी आ सकती है. इतना ही नहीं, बेवजह आपके विरोधियों और दुश्मनों की लिस्ट बड़ी हो सकती है.
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6. गुरु के कमजोर होने से व्यक्ति को सेहत से जुड़ी समस्याएं हो जाती हैं. आप पेट, सांस और फेफड़ों की समस्या से परेशान हो सकते हैं.
7. यदि गुरु का बुध, राहु और शनि के साथ युति हो जाए तो आपको खून की खराबी, पेचिश, रीढ़ की हड्डी में दर्द आदि हो सकता है. इन ग्रहों के कारण आपको अस्थमा, सिर, गर्दन आदि के दर्द हो सकते हैं.
गुरु ग्रह के उपाय
गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए आपको गुरुवार का व्रत रखना चाहिए. गुरु के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए और देव गुरु बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha
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