जमीन का ऊंचा- नीचा होना देता है शुभ व अशुभ फल.,image-canva
Narad Puran: जमीन खरीदना या मकान बनाना मालिक के लिए शुभ तो कभी अशुभ होता है. इसके शास्त्रों में कई कारण बताए गए हैं. उन्हीं में एक कारण भूमि के किसी हिस्से का ऊंचा या नीचा होना भी है. वास्तु शास्त्र के अलावा नारद पुराण व वाल्मिीकि रामायण में भी इसका जिक्र है.
आज हम आपको भूमि के ऊंचे- नीचे होने के उन्हीं परिणामों के बारे में बताने जा रहे हैं.
पंडित रामचंद्र जोशी के अनुसार वाल्मिीकि रामायण में शुभ भूमि के बारे में खुद भगवान राम ने भाई लक्ष्मण को बताया था. सुग्रीव के राज्याभिषेक के बाद भगवान राम प्रवस्त्रणगिरी के शिखर पर रहने के लिए एक गुफा चुनते हैं. उसके बारे में वे लक्ष्मण से कहते हैं कि यहां का स्थान ईशान कोण की ओर से नीचा है. इसलिए यह गुफा हमारे निवास के लिए बहुत अच्छी रहेगी. नैर्ऋत्य कोण की ओर इसकी ऊंचाई हवा और बारिश से बचाने में सहायक होगी. इसी तरह नारद पुराण में लिखा है कि ईशान, पूर्व व उत्तर दिशा में नीची भूमि सभी के लिए वृद्धिकारक है. जबकि अन्य दिशा में नीची भूमि हानिकारक है.
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