Holika Dahan 2025 Date: होलिका दहन पर भद्रा ने बिगाड़ा खेल! 13 घंटे रहेगा साया, किस दिन जलेगी होली? जानें सही तारीख, मुहूर्त
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Holika Dahan 2025 Date: इस साल होलिका दहन पर सुबह से लेकर देर रात तक भद्रा का साया है, जो करीब 13 घंटे तक रहेगी. इस साल होलिका दहन 13 मार्च को होगी या फिर 14 मार्च को? ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि होलिका दहन कब है? होली किस दिन जलाई जाएगी? होलिका दहन का मुहूर्त क्या है? तिथि के आधार पर देखा जाए तो फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका दहन करते हैं. उसके अगले दिन होली होती है.
होलिका दहन 2025 तारीख और मुहूर्त.Holika Dahan 2025 Date: इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, होलिका दहन फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को प्रदोष काल में करते हैं. इस साल होलिका दहन पर सुबह से लेकर देर रात तक भद्रा का साया है, जो करीब 13 घंटे तक रहेगी. ऐसे में होलिका दहन का मुहूर्त प्रदोष काल में प्राप्त नहीं होगा. अब सवाल यह है कि इस साल होलिका दहन 13 मार्च को होगी या फिर 14 मार्च को? उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि होलिका दहन कब है? होली किस दिन जलाई जाएगी? होलिका दहन का मुहूर्त क्या है?
होलिका दहन 2025 तिथि मुहूर्त
पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस साल 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से फाल्गुन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है और यह 14 मार्च का दोहपर 12:23 बजे तक है. उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च को होगी.
पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस साल 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से फाल्गुन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है और यह 14 मार्च का दोहपर 12:23 बजे तक है. उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च को होगी.
होलिका दहन 2025: 13 या 14 मार्च को?
तिथि के आधार पर देखा जाए तो फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका दहन करते हैं, लेकिन इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 14 मार्च को दोपहर में ही खत्म हो जा रही है, उस दिन प्रदोष काल पूर्णिमा में नहीं है. पूर्णिमा का प्रदोष काल 13 मार्च को प्राप्त होगा, इसलिए होलिका दहन 13 मार्च को होगा. होली 14 मार्च को मनाई जाएगी.
तिथि के आधार पर देखा जाए तो फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका दहन करते हैं, लेकिन इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 14 मार्च को दोपहर में ही खत्म हो जा रही है, उस दिन प्रदोष काल पूर्णिमा में नहीं है. पूर्णिमा का प्रदोष काल 13 मार्च को प्राप्त होगा, इसलिए होलिका दहन 13 मार्च को होगा. होली 14 मार्च को मनाई जाएगी.
होलिका दहन पर 13 घंटे भद्रा का साया 2025
13 मार्च को होलिका दहन पर भद्रा का साया करीब 13 घंटे तक रहेगा. उस दिन भद्रा का प्रारंभ सुबह में 10 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है, जो देर रात 11 बजकर 26 मिनट तक रहेगी. भद्रा के समय में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं, इस वजह से होलिका दहन 13 मार्च को प्रदोष काल में नहीं होगा.
13 मार्च को होलिका दहन पर भद्रा का साया करीब 13 घंटे तक रहेगा. उस दिन भद्रा का प्रारंभ सुबह में 10 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है, जो देर रात 11 बजकर 26 मिनट तक रहेगी. भद्रा के समय में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं, इस वजह से होलिका दहन 13 मार्च को प्रदोष काल में नहीं होगा.
धरती पर है भद्रा का वास
होलिका दहन पर भद्रा का वास धरती पर है. धरती पर भद्रा का वास होने से कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. यदि आप भद्रा में कोई शुभ काम करते हैं तो उसमें कई प्रकार की बाधाएं आती हैं. भद्रा उस कार्य में विघ्न डालती है. वह कार्य शुभ फलदायी नहीं होता है. ऐसे में शुभ कार्यों के लिए भद्रा का त्याग करते हैं. भद्रा रहित मुहूर्त में ही होलिका दहन करना शुभ फलदायी होता है.
होलिका दहन पर भद्रा का वास धरती पर है. धरती पर भद्रा का वास होने से कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. यदि आप भद्रा में कोई शुभ काम करते हैं तो उसमें कई प्रकार की बाधाएं आती हैं. भद्रा उस कार्य में विघ्न डालती है. वह कार्य शुभ फलदायी नहीं होता है. ऐसे में शुभ कार्यों के लिए भद्रा का त्याग करते हैं. भद्रा रहित मुहूर्त में ही होलिका दहन करना शुभ फलदायी होता है.
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होलिका दहन मुहूर्त 2025
13 मार्च को होलिका दहन भद्रा के समापन के बाद ही होगा. उस रात होलिका दहन के लिए आपको 1 घंटा 9 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर 26 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक है. इस समय में होलिका दहन करना उचित रहेगा.
13 मार्च को होलिका दहन भद्रा के समापन के बाद ही होगा. उस रात होलिका दहन के लिए आपको 1 घंटा 9 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर 26 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक है. इस समय में होलिका दहन करना उचित रहेगा.
होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानते हैं. विष्णु भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए उसके पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को जलती आग में प्रह्लाद को लेकर बैठने को विवश किया. लेकिन हरि कृपा से होलिका जलकर मर गई और प्रह्लाद बच गए. इस वजह से हर साल फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है.
होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानते हैं. विष्णु भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए उसके पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को जलती आग में प्रह्लाद को लेकर बैठने को विवश किया. लेकिन हरि कृपा से होलिका जलकर मर गई और प्रह्लाद बच गए. इस वजह से हर साल फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है.
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कार्तिकेय तिवारी
कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक...और पढ़ें
कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक... और पढ़ें
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