रिपोर्ट: धीरेन्द्र शुक्ला
चित्रकूट: चैत्र नवरात्रि संवत 2080 की शुरुआत 22 मार्च 2023 को हो चुकी है. नौ दिनों तक चलने वाले इस नवरात्रि त्यौहार को लेकर श्रद्धालु माता की 9 दिन में अलग-अलग रूपों में माता की पूजा करते हैं. 52 शक्तिपीठों में एक ऐसी शक्ति पीठ चित्रकूट के रामगिरी स्थान पर शिवानी शक्तिपीठ हैं. माता के दरबार में हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है. नवरात्रि पर मां के दर्शन के लिए अनगिनत भक्त आते हैं.
ऐसा माना जाता है की माता शिवानी का दाहिना स्तन यहीं पर गिरा था और माता में इतनी शक्ति है कि श्रद्धालुओं की जो भी विपदा होती हैं. मां सभी विपदाएं को दूर करती हैं. कुछ लोग मैहर की माता शारदा को शक्तिपीठ मानते हैं तो कुछ लोग चित्रकूट के राम गिरि स्थान पर स्थित माता शिवानी को शक्तिपीठ मानते है. माता शिवानी को चित्रकूट के आसपास के लोगों माता फूलमती के नाम से पुकारते हैं.
माता में अपार शक्ति
मंदिर के पुजारी सुरेश प्रसाद उपाध्याय उर्फ नांगा बाबा के मुताबिक़ माता जनक की दुलारी है. माता में अपार शक्ति है 52 शक्ति पीठों में माता शिवानी शक्ति पीठ एक है. माता का नाम शिवानी है लेकिन यहां के लोग माता शिवानी को फूलमती माता के नाम से पुकारते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में लाखो की तादाद में श्रद्धालू यहां सुबह शाम आते हैं और माता की पूजा अर्चना कर मन्नते मांगते है.
वरदान मांग कर देखें…
नांगा बाबा ने आगे कहा, ‘माता की शक्ति बात की जाए तो मैं अपने मुख से किसी प्रकार का बखान नहीं करूंगा. किसी भी भक्तों को माता के शक्ति को एहसास करना है तो कभी माता से वरदान मांग कर देखें उसकी मन्नत कभी भी अधूरी यह माता शिवानी नहीं रखती हैं. यहां पर कई ऐसे प्रत्यक्ष रूप देखने को मिले हैं जिनको शायद जीवन दूसरा माता ने दिया है. इसीलिए यह माता का मुख से बखान करना मेरा सही नहीं है. जिसको वास्तविकता देखना है तो माता के दरबार में जरूर आए’.
यहां पूर्ण होती है भक्तों की सभी मनोकामना
महिला भक्त रवि माला जी ने बताया कि माता शिवानी की बात यदि अपने मुख से मैं करती हूं तो शायद वह कम है. मैं जो काम माता के दरबार में लेकर आई वो सभी कार्य पूरे हुए हैं. माता के दरबार में जो भी सच्चे मन से अपनी मुराद लेकर आता है माता शिवानी उसकी सभी मुराद पूरी करती हैं. नवरात्रि में हम लोग प्रतिदिन माता की आरती में शामिल होते हैं. साथ ही माता का सिंगार भी किया जाता है और माता यहां की देवी हैं और हम लोग माता के सहारे ही रहते हैं. माता हमारी 52 शक्तिपीठों में हमारी माता एक जानी जाती हैं.
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