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Aastha : तंत्र साधना का स्थान है मां तारा देवी का मंदिर ,नवरात्रि में लगता है भक्तों की भीड़ , जानिए क्या है मान्यता

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तारा

तारा माई के दर्शन वा उनका आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त

साधक पी ऐन बंसल ने बताया कि 1992 में तारा माई की स्थापना इस मंदिर में पंडित रमेश उपाध्याय द्वारा की गई थी.तभी से इस मंद ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : विजय राठौड़

ग्वालियर. ग्वालियर सहित पूरे चंबल पर हमेशा से ही मां भगवती का विशेष आशीर्वाद रहा है.यहां मां भगवती के विभिन्न ऐतिहासिक और आध्यात्मिक मंदिर मौजूद है. जिनमें मां भगवती अपने विभिन्न स्वरूपों में विराजमान हैं .गौरतलब है कि चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में मां के भक्त मां के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन करने के लिए शहर के विभिन्न मंदिरों में पहुंच रहे है.इन्हीं में से एक है मां तारा माई का मंदिर, जहां नवदुर्गा में बड़ी संख्या में लोग माता का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं.

जिनमें कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां व प्रशासनिक हस्तियां भी शामिल हैं.बताया जाता है कि मां तारा माई 10 महाविद्याओं में से दूसरी महाविद्या हैं.जिन्हें प्रसन्न करने के लिए लोग तंत्र-मंत्र का सहारा भी लेते हैं.इतना ही नहीं इस मंदिर में लोग मां को प्रसन्न करने के लिए जप भी करते है और एकांत में बैठकर मां की आराधना भी करते नजर आते है.

तारा माई  है ज्ञान की देवी
मंदिर में माता के साधक कृष्ण गोपाल भारद्वाज ने बताया कि तंत्र वेद का क्रियात्मक भाग है.जिसमें विभिन्न देवी-देवताओं की उपासना की जाती है.यह मंदिर तारा माई का स्थान है.तंत्र में तारा माई को द्वितीय नाम से पुकारा जाता है. तारा माई ज्ञान की देवी है कोई भी साधक तंत्र के माध्यम से माता की साधना तो करता ही है. साथ में वह अपने इष्ट को भी जपता है.उन्होंने बताया कि लोगों द्वारा तारा माई की उपासना ज्ञान के लिए की जाती है क्योंकि मां ज्ञान की देवी हैं और उनकी साधना से ज्ञान का अर्जन होता है.ज्ञान का मतलब सिर्फ ज्ञान से होता है ना कि भौतिक जीवन से.उन्होंने बताया कि 10 महाविद्या शक्तियां हैं जो स्वयं सिद्ध होती हैं.लेकिन उनकी साधना कर लोग उन्हें अपने जिस प्रयोजन के लिए सिद्ध करते है या उनकी साधना करते है. मां की कृपा से वे कार्य जरूर सफल होते है.

राजनीतिक हस्तियों का लगा रहता है तांता
साधक पी ऐन बंसल ने बताया कि 1992 में तारा माई की स्थापना इस मंदिर में पंडित रमेश उपाध्याय द्वारा की गई थी.तभी से इस मंदिर में मां की आराधना एवं पूजा की जा रही है.उन्होंने बताया कि तारा का अर्थ है जग को तारने वाली इसलिए मां को तारा माई कहा जाता है. इनकी साधना से जीवन तर जाता है एवं जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है.साथ ही उन्होंने बताया कि मां की आराधना अधिकांशतः एकांतवास में की जाती है जहां व्यक्ति अंतर्ध्यान होकर मां की आराधना करता है.मां के इस मंदिर में बड़ी-बड़ी राजनीतिक हस्तियां जैसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, मंत्री अनूप मिश्रा, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सहित कई हस्तियां माई के दर्शनों का लाभ ले चुके हैं, तो वहीं कई ऐसी राजनीतिक हस्तियां भी हैं जो हर नवरात्रि में मां का आशीर्वाद लेने के लिए दरबार में अवश्य पहुंचती हैं.

Tags: Dharma Aastha

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