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Aastha : मतंगेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य आज भी बरकरार, हर साल बढ़ती है शिवलिंग की लंबाई, जानिए पूरी खबर

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मतंगेश्वर

मतंगेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का लगा ताता बना लोगों की आस्था का केंद्र

खजुराहो में मौजूद मतंगेश्वर महादेव का शिवलिंग 9 फीट जमीन के अंदर और 9 फीट ही जमीन के बाहर है. इस भव्य मंदिर को 920 ई. म ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : हिमांशु अग्रवाल

छतरपुर. जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो के मतंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण 9 से 10 वीं शताब्दी के बीच चंदेल कालीन राजाओं के द्वारा कराया गया था.मतंगेश्वर महादेव मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं के बीच अलग-अलग मान्यताएं है. खजुराहो में मौजूद मतंगेश्वर महादेव का शिवलिंग 9 फीट जमीन के अंदर और 9 फीट ही जमीन के बाहर है. इस भव्य मंदिर को 920 ई. में चंदेला राजा हर्षवर्मन ने बनवाया था. यहां के लोगों के मानें तो खजुराहो के पुरातत्व मंदिरों में यह इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसमें अब भी पूजा-पाठ होता है. मंदिर के पुजारियों का कहना है कि हर साल कार्तिक माह की शरद पूर्णिमा के दिन यहां स्थापित शिवलिंग का आकार एक तिल के बराबर बढ़ जाती है. पर्यटन विभाग के कर्मचारी बकायदा टेप से जब शिवलिंग की लंबाई को नापते है तो हर साल चमत्कारिक रूप से शिवलिंग एक इंच लंबा हो जाता है.

यहां पर आने वाले हर श्रद्धालु की मतंगेश्वर महादेव पर बड़ी मान्यता है.इस मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु मतंगेश्वर महादेव के दर्शन करने आते है. साथ ही अपनी मनोकामनाएं महादेव से मांगते हैं और उनकी हर मनोकामना मतेंगेश्वर महादेव पूरी करते है.वहीं कानपुर से दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि वह यहां पर मतंगेश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए आए हुए है.

शिवरात्रि पर होता है मेला का आयोजन
उन्होंने इस मंदिर के बारे में तमाम तरह की मान्यताएं सुन रखी है.इसके अलावा यहां पर स्थानीय निवासी राजीव शुक्ला ने न्यूज 18 लोकल की टीम से बातचीत करते हुए बताया कि हर वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर मतंगेश्वर महादेव मंदिर में विशाल मेले का आयोजन होता है.उस दिन यहां पर शिव जी की बारात निकाली जाती है और मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है.उन्होंने यह भी बताया कि जितना प्राचीन और प्रसिद्ध यहां का यह मंदिर है उतना ही प्राचीन यह मेला भी है.यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है जो भी देशी-विदेशी पर्यटक यहां पर आता है. वह खजुराहो के चंदेल कालीन मंदिरों को देखने के बाद यहां जरूर आता है. मतंगेश्वर महादेव के दर्शन कर आशीर्वाद जरूर लेता है.

Tags: Dharma Aastha

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