शिव तांडव स्त्रोत में 1008 छंद हैं. रावण ने इसकी रचना महाकाल भगवान शिव की स्तुति और प्रशंसा करने के लिए की थी.
महादेव (Lord Shiva) के चमत्कार उनके भक्तों (Devotees) से छिपे नहीं है. आज भी उनके कई ऐसे रहस्य हैं, जिनसे लोग अंजान हैं. अपने इन्हीं रहस्यों (Secret) को भगवान शिव ने कभी माता पार्वती (Mata Parvati) के समक्ष व्यक्त किया था. इसमें उन्होंने मानव जीवन को सफल बनाने के साथ ही दांपत्य जीवन (Married Life) के बारे में बहुत महत्वपूर्ण बातें बताई. मान्यता है कि भगवान शिव ने माता पार्वती माता को 5 ऐसे चमत्कारिक रहस्य बताए थे, जो आज भी सुखी जीवन के लिए बहुत आवश्यक हैं. महादेव की बताई गई इन बातों को अगर अपने जीवन में अपनाया जाए तो जीवन को सफल बनाया जा सकता हैं. आइए जानते हैं ये महत्वपूर्ण बातें...
भगवान शिव ने देवी पार्वती को बताया था कि सत्य सबसे बड़ी अच्छाई है. हमेशा सच बोलना चाहिए. इसी तरह झूठ संसार का सबसे बड़ा पाप है. एक झूठ से कई झूठ बोले जाते हैं धीरे धीरे मनुष्य इनका आदी हो जाता . ऐसे में अगर मनुष्य झूठ न बोले तो वह पाप का भागी बनने से बच सकता है.
मनुष्य यह सोच कर पाप करता है कि उसके पापों को कोई नहीं देख रहा है. महादेव ने देवी पार्वती को बताया कि मनुष्य को खुद का साक्षी बनना चाहिए, क्योंकि जब उसे इस बात का बोध होगा कि उसकी आत्मा उसके पापों की साक्षी है, तो वह पापों से बचने लगेगा. संसार में व्यक्ति किसी से भी अपने पाप छिपा सकता है, परंतु स्वंय से नहीं छिपा सकता.
मनुष्य कई तरह से पाप करता. अपनी सोच यानी अपने दिमाग के माध्यम से, अपनी कही गई बातों के जरिये और अपने कार्यों के माध्यम से व्यक्ति पाप करता है. मान्यता है कि इन्हें ही महादेव ने महापाप बताया है. भगवान शिव के अनुसार मनुष्य को उन कार्यों को नहीं करना चाहिए, जो शास्त्रों में वर्जित बताए गए हैं.
महादेव के अनुसार भौतिक सुख मनुष्य को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और वह इनके मायाजाल में फंसा रहता है. हालांकि यह सुख स्थायी नहीं है, ये सुख भ्रम हैं. किसी मनुष्य की सफलता के लिए इनके मायाजाल से बाहर निकलना बहुत जरूरी है.
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मनुष्य जीवन भर सुखों के पीछे भागता है. उसके जीवन में धन का लालच, प्रेम जैसी इच्छाएं होती हैं. मगर ये सब चीजें उसे आध्यात्मिक मार्ग से भटकाती हैं. उसकी उन्नति के मार्ग में बाधा बनती हैं. इन इच्छाओं के जीवन का महत्वपूर्ण भाग होते हुए भी मनुष्य को इनके लालच में नहीं फंसना चाहिए. जिसके पास जितना हो, वह उतने में ही संतोष करना सीखे. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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