Margashirsha Maas 2020: भगवान कृष्ण ने मार्गशीर्ष माह की स्वयं से की तुलना, जानें व्रत, त्योहार और महत्व

भगवान कृष्ण ने बताई मार्गशीर्ष माह की महिमा
Margashirsha Maas 2020 Start:मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में जब अर्जुन ने अपनों को सामने देखकर युद्ध से इनकार कर दिया तो कृष्ण ने उन्हें गीता का ज्ञान दिया था...
- News18Hindi
- Last Updated: December 1, 2020, 7:56 AM IST
Margashirsha Maas 2020 Start: आज से अगहन या मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत हो गई है. सनातन धर्म में मार्गशीर्ष को सूर्य देवता को समर्पित माह माना जाता है. यही कारण है कि आज से भक्त सूर्य देव की पूजा अर्चना करेंगे. आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा है. इस माह को भगवान श्रीकृष्ण से भी सम्बंधित माना जाता है. दरअसल, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में जब अर्जुन ने अपनों को सामने देखकर युद्ध से इनकार कर दिया तो कृष्ण ने उन्हें गीता का ज्ञान दिया था. यही वजह है कि इस माह गीता जयंती भी मनाई जाती है. स्वयं भगवान कृष्ण ने गीता में मार्गशीर्ष मास की महिमा का बखान करते हुए कहा है कि-
बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्।
मासानां मार्गशीर्ष Sहमृतूनां कुसुमाकरः।।
इसका अर्थ है कि गायन करने योग्य श्रुतियों में मैं बृहत्साम, छंदों में गायत्री तथा मास में मैं मार्गशीर्ष और ऋतुओं में बसंत मैं ही हूं.मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत इस बार मंगलवार को हो रही है. मंगलवार को बजरंगबली का दिन माना गया है. हिंदू धर्म शास्त्रों में मार्गशीर्ष माह की महिमा बताते हुए कहा गया है कि हिन्दू पंचांग के मार्गशीर्ष माह में गंगा जैसी पवित्र नदियों पर स्नान करने से दोष, रोग और अन्य परेशानियों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
मार्गशीर्ष माह के व्रत और त्योहार:
7 दिसंबर, कालभैरव जयंती
10 दिसंबर, उत्पन्ना एकादशी
12 दिसंबर, प्रदोष व्रत- कृष्ण प्रदोष व्रत रखा जाएगा
13 दिसंबर, मासिक शिवरात्रि
14 दिसंबर, सूर्य ग्रहण , मार्गशीर्ष अमावस्या- (पितृ अमावस्या भी कहते हैं)
15 दिसंबर, धनु संक्रांति- सूर्य देव 15 दिसंबर मंगलवार के दिन धनु राशि में प्रवेश करेंगे
19 दिसबंर, विवाह पंचमी
25 दिसबंर, मोक्षदा एकादशी, क्रिसमस, गीता जयंती
29 दिसबंर को दत्तात्रेय जयंती है
30 दिसंबर, मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें).
बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्।
मासानां मार्गशीर्ष Sहमृतूनां कुसुमाकरः।।
इसका अर्थ है कि गायन करने योग्य श्रुतियों में मैं बृहत्साम, छंदों में गायत्री तथा मास में मैं मार्गशीर्ष और ऋतुओं में बसंत मैं ही हूं.मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत इस बार मंगलवार को हो रही है. मंगलवार को बजरंगबली का दिन माना गया है. हिंदू धर्म शास्त्रों में मार्गशीर्ष माह की महिमा बताते हुए कहा गया है कि हिन्दू पंचांग के मार्गशीर्ष माह में गंगा जैसी पवित्र नदियों पर स्नान करने से दोष, रोग और अन्य परेशानियों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
मार्गशीर्ष माह के व्रत और त्योहार:
7 दिसंबर, कालभैरव जयंती
10 दिसंबर, उत्पन्ना एकादशी
12 दिसंबर, प्रदोष व्रत- कृष्ण प्रदोष व्रत रखा जाएगा
13 दिसंबर, मासिक शिवरात्रि
14 दिसंबर, सूर्य ग्रहण , मार्गशीर्ष अमावस्या- (पितृ अमावस्या भी कहते हैं)
15 दिसंबर, धनु संक्रांति- सूर्य देव 15 दिसंबर मंगलवार के दिन धनु राशि में प्रवेश करेंगे
19 दिसबंर, विवाह पंचमी
25 दिसबंर, मोक्षदा एकादशी, क्रिसमस, गीता जयंती
29 दिसबंर को दत्तात्रेय जयंती है
30 दिसंबर, मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें).