मोक्षदा एकादशी व्रत करने से मोक्ष प्राप्त होता है. image-canva
Mokshada Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत सबसे ज्यादा प्रचलित व्रतों में से एक है. हर मास की शुक्ल व कृष्ण पक्ष की एकादशी के हिसाब से ये व्रत साल में 24 बार किया जाते हैं. इनमें एक व्रत मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष एकादशी का है, जिसे मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. पंडित रामचंद्र जोशी के अनुसार इस व्रत की कथा का संबंध गोकुल के राजा बैखानस से माना जाता है. जिनके पिता एक स्त्री के शाप से नरकगामी हुए थे. इसके बाद राजा बैखानस ने एक ऋषि के आदेश से मोक्षदा एकादशी का व्रत किया था, जिसके फल से उनके पिता को स्वर्ग की प्राप्ति हुई. आज हम आपको भगवान श्रीकृष्ण द्वारा युधिष्ठिर को बताई गई उसी कथा व व्रत की विधि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सुनने से ही वाजपेय यज्ञ का फल मिलने की मान्यता है.
मोक्षदा एकादशी की कहानी
गोकुल नगर में वैैखानस नाम का योग्य व प्रतापी राजा था. एक बार उसने स्वप्न में अपने पिता को नरक में कष्ट भोगते देखा. यह देख वह बहुत दुखी हुआ. उसने अगले दिन यह बात अपने विद्वान ब्राह्मणों को बताते हुए पिता की नरक से मुक्ती का उपाय पूछा. इस पर ब्राह्मणों ने राजा को पास ही के पर्वत पर रहने वाले एक ऋषि के पास जाने की सलाह दी.
ऐसा सुनकर राजा मुनि के आश्रम पर गया. जहां उसने मुनि को प्रणाम कर अपना स्वप्न सुनाया और पिता की मुक्ति का उपाय पूछा. ये सुन मुनि ने आँखें बंद कर ध्यान लगाया. योग बल से सब जानकर उन्होंने राजा से कहा कि तुम्हारे पिता ने पूर्व जन्म में कामातुर होकर एक पत्नी को तो रति दे दी, पर सौत के कहने पर दूसरी पत्नी को मांगने पर भी ऋतुदान नहीं दिया. उसी पापकर्म के कारण तुम्हारे पिता को नरक में जाना पड़ा.
उपाय बताते हुए मुनि बोले कि हे राजन! आप मार्गशीर्ष एकादशी का व्रत करें. उस उपवास के पुण्य को संकल्प कर अपने पिता को दे दें. इसके प्रभाव से आपके पिता की नरक से अवश्य मुक्ति होगी. मुनि को प्रणाम कर राजा इसके बाद वापस अपने महल लौट आया. फिर मुनि के कहे अनुसार परिवार सहित एकादशी का व्रत कर उसका पुण्य अपने पिता को अर्पित कर दिया, जिसके प्रभाव से राजा के पिता को नरक से मुक्ति मिल गई.
यह भी पढ़ें – बहुत शक्तिशाली हैं सूर्य देव के ये 12 मंत्र, जपते ही पूरी होती है हर इच्छा
यह भी पढ़ें– नौकरी-व्यवसाय में तरक्की और धन लाभ के लिए करें इलायची के ये उपाय
मोक्षदा एकादशी की व्रत विधि
एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लें. दिनभर निराहार रहकर भगवान विष्णु की धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजा- अर्चना व ध्यान करें. रात को भजन-कीर्तन करें. व्रत में एक समय फलाहार किया जा सकता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Dharma Aastha, Hinduism, Lord vishnu