होम /न्यूज /धर्म /आज है पापमोचनी एकादशी, शुभ मुहूर्त में करें पूजा और पारण, ज्योतिषाचार्य से जान लें पूजन की विधि

आज है पापमोचनी एकादशी, शुभ मुहूर्त में करें पूजा और पारण, ज्योतिषाचार्य से जान लें पूजन की विधि

पापमोचनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करते हैं और  व्रत कथा सुनते हैं.

पापमोचनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत कथा सुनते हैं.

papmochani ekadashi 2023 puja vidhi: पापमोचनी एकादशी व्रत आज 18 मार्च दिन शनिवार को है. इस व्रत को करने से पिशाच योनि स ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

पापमोचनी एकादशी व्रत आज 18 मार्च दिन शनिवार को है.
यह चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को है.

पापमोचनी एकादशी व्रत आज 18 मार्च दिन शनिवार को है. यह चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को है. पापमोचनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करते हैं और पापमोचनी एकादशी व्रत कथा सुनते हैं. इस व्रत को करने से पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है और पाप भी मिट जाते हैं. ब्रह्म देव ने नारद जी को अप्सरा मंजुघोषा की कथा से पापमोचनी एकादशी व्रत के महत्व को बताया था. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं पापमोचनी एकादशी के मुहूर्त, पारण समय, व्रत और पूजा विधि के बारे में.

पापमोचनी एकादशी 2023 मुहूर्त और पारण
चैत्र कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ: 17 मार्च, शुक्रवार, दोपहर 02:06 बजे से
चैत्र कृष्ण एकादशी तिथि का समापन: आज, शनिवार, सुबह 11:13 बजे पर
शिव योग: आज प्रात:काल से रात 11:54 बजे तक
सिद्ध योग: आज रात 11:54 बजे से कल सुबह तक
द्विपुष्कर योग: आज, रात 12:29 बजे से कल सुबह 06:27 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: आज, सुबह 06:28 बजे से रात 12:29 बजे तक
पापमोचनी एकादशी व्रत का पारण: 19 मार्च, सुबह 06:27 बजे से सुबह 08:07 बजे तक

यह भी पढ़ें: 18 मार्च को है पापमोचनी एकादशी, पूजा के समय पढ़ें व्रत कथा, पाप मुक्त हुई अप्सरा मंजुघोषा को मिला स्वर्ग

पूजा मंत्र
ओम नमो भगवते वासुदेवाय

पापमोचनी एकादशी व्रत और पूजा विधि
1. प्रात: स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें. उसके बाद पापमोचनी एकादशी व्रत और विष्णु पूजा का संकल्प लें.

2. अब आप सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रात: भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें. उनको पंचामृत से स्नान कराएं. फिर वस्त्र, जनेऊ, पीले फूल, माला, चंदन, हल्दी, पान का पत्ता, सुपारी, तुलसी के पत्ते, अक्षत्, नैवेद्य आदि चढ़ाएं.

यह भी पढ़ें: 8 संकेत से करें अच्छे वक्त की पहचान, आपके साथ होता है ऐसा, जान लें चमकेगी किस्मत

3. अब धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें. विष्णु चालीसा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. फिर पापमोचनी एकादशी व्रत कथा सुनें. भगवान विष्णु से पापों से मुक्ति देने की प्रार्थना करें.

4. उसके बाद घी के दीपक या कपूर से भगवान विष्णु की आरती करें. सबको प्रसाद वितरण करें.

5. रात्रि के समय में जागरण करें. अगले दिन सुबह स्नान ध्यान के बाद विष्णु पूजा करें. अपनी क्षमता अनुसार दान करें. फिर पारण करके व्रत को पूरा करें.

Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें