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Pradosh Vrat 2020 Katha: शुक्र प्रदोष व्रत से दूर हुए धनिक के दुख, पढ़ें प्रदोष व्रत कथा

शनि प्रदोष व्रत (photo credit: instagram/nameizmalli)

शनि प्रदोष व्रत (photo credit: instagram/nameizmalli)

Pradosh Vrat 2020 Katha: धनिक पुत्र को सांप ने डस लिया. उसके पिता ने वैद्य को बुलाया तो वैद्य ने बताया कि वो तीन दिन मे ...अधिक पढ़ें

    Pradosh Vrat 2020 Katha: आज 27 नवंबर को प्रदोष व्रत है. शुक्रवार के दिन पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जा रहा है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को काफी शुभ फलदायक और सौभाग्य बढ़ाने वाला माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी प्रकार की बाधाएं और दोष कट जाते हैं. आइए जानते हैं शुक्र प्रदोष व्रत की कथा...

    शुक्र प्रदोष व्रत की कथा:
    शुक्र प्रदोष व्रत की कथा के अनुसार, एक नगर में तीन मित्र रहते थे – राजकुमार, ब्राह्मण कुमार और तीसरा धनिक पुत्र. राजकुमार और ब्राह्मण कुमार विवाहित थे.धनिक पुत्र का भी विवाह हो गया था, लेकि गौना शेष था. एक दिन तीनों मित्र स्त्रियों की चर्चा कर रहे थे. ब्राह्मण कुमार ने स्त्रियों की प्रशंसा करते हुए कहा- ‘नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है.’ धनिक पुत्र ने यह सुना तो तुरन्त ही अपनी पत्‍नी को लाने का निश्‍चय कर लिया. तब धनिक पुत्र के माता-पिता ने समझाया कि अभी शुक्र देवता डूबे हुए हैं. ऐसे में बहू-बेटियों को उनके घर से विदा करवा लाना शुभ नहीं माना जाता लेकिन धनिक पुत्र ने एक नहीं सुनी और ससुराल पहुंच गया. ससुराल में भी उसे मनाने की कोशिश की गई लेकिन वो ज़िद पर अड़ा रहा और कन्या के माता पिता को उनकी विदाई करनी पड़ी. विदाई के बाद ति-पत्‍नी शहर से निकले ही थे कि बैलगाड़ी का पहिया निकल गया और बैल की टांग टूट गई. दोनों को चोट लगी लेकिन फिर भी वो चलते रहे. कुछ दूर जाने पर उनका पाला डाकूओं से पड़ा. जो उनका धन लूटकर ले गए. दोनों घर पहूंचे.

    वहां धनिक पुत्र को सांप ने डस लिया. उसके पिता ने वैद्य को बुलाया तो वैद्य ने बताया कि वो तीन दिन में मर जाएगा. जब ब्राह्मण कुमार को यह खबर मिली तो वो धनिक पुत्र के घर पहुंचा और उसके माता पिता को शुक्र प्रदोष व्रत करने की सलाह दी. और कहा कि इसे पत्‍नी सहित वापस ससुराल भेज दें. धनिक ने ब्राह्मण कुमार की बात मानी और ससुराल पहुंच गया जहां उसकी हालत ठीक होती गई. यानि शुक्र प्रदोष के माहात्म्य से सभी घोर कष्ट दूर हो गए. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

    Tags: Religion, Shiv ji

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