कब है प्रदोष व्रत, ये है सही पूजा विधि, जानें महत्व
News18Hindi Updated: November 24, 2019, 12:37 PM IST

कब है प्रदोष व्रत, ये है सही पूजा विधि, जानें महत्व
प्रदोष व्रत: ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त ये व्रत करता है उसे किसी ब्राह्मण को गोदान (गाय का दान) करने के समान पुण्य लाभ होता है.
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- Last Updated: November 24, 2019, 12:37 PM IST
प्रदोष व्रत: प्रदोष व्रत 24 नवंबर यानी कि रविवार को मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस व्रत को लोग भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए करते हैं. यह भी माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव व्रती भक्त की सभी प्रकार की परेशानियों का हरण कर लेते हैं. प्रदोष व्रत के दिन भक्तजन माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त ये व्रत करता है उसे किसी ब्राह्मण को गोदान (गाय का दान) करने के समान पुण्य लाभ होता है. आइए जानते हैं प्रदोष व्रत में पूजा करने की सही विधि ताकि बरसे भोलेनाथ की कृपा..
प्रदोष व्रत की पूजा-विधि:
1. जो व्यक्ति प्रदोष व्रत करने वाला है उसे इस दिन सूर्योदय से पहले बिस्तर त्याग देना चाहिए.
2. फिर पूजाघर में झाड़ू-पोछा कर पूजाघर समेत पूरे घर में गंगाजल से पवित्र करना चाहिए. इसके बाद पूजाघर को गाय के गोबर से लीपना चाहिए.3.इसके बाद पूरे मन से भगवान शिव का भजन कीर्तन और पूजा-पाठ करना चाहिए.
इसे भी पढ़ेंः Margashirsha Maas: भगवान कृष्ण का है अगहन माह, ऐसे करें पूजा पाठ
प्रदोष व्रत का महत्व:पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति सच्चे दिल से प्रदोष का व्रत करता है उसे ब्राह्मण देव को सौ गायें दान (गाय का दान) करने के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
ऐसे करें प्रदोष व्रत की तैयारी:
1. केले के पत्तों और रेशमी वस्त्रों की सहायता से एक मंडप तैयार करना चाहिए.
2. चाहें तो आटे, हल्दी और रंगों की सहायता से पूजाघर में एक अल्पना (रंगोली) बना लें.
3. इसके बाद साधक (व्रती) को कुश के आसन पर बैठ कर उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
4.व्रती को पूजा के समय 'ॐ नमः शिवाय' और शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.
प्रदोष व्रत की पूजा-विधि:
1. जो व्यक्ति प्रदोष व्रत करने वाला है उसे इस दिन सूर्योदय से पहले बिस्तर त्याग देना चाहिए.
2. फिर पूजाघर में झाड़ू-पोछा कर पूजाघर समेत पूरे घर में गंगाजल से पवित्र करना चाहिए. इसके बाद पूजाघर को गाय के गोबर से लीपना चाहिए.3.इसके बाद पूरे मन से भगवान शिव का भजन कीर्तन और पूजा-पाठ करना चाहिए.
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प्रदोष व्रत का महत्व:
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ऐसे करें प्रदोष व्रत की तैयारी:
1. केले के पत्तों और रेशमी वस्त्रों की सहायता से एक मंडप तैयार करना चाहिए.
2. चाहें तो आटे, हल्दी और रंगों की सहायता से पूजाघर में एक अल्पना (रंगोली) बना लें.
3. इसके बाद साधक (व्रती) को कुश के आसन पर बैठ कर उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
4.व्रती को पूजा के समय 'ॐ नमः शिवाय' और शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.
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First published: November 23, 2019, 1:37 PM IST
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