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25 साल की कथावाचक...विज्ञान की पढ़ाई के बाद राधिका ने अपनाया धर्म का रास्ता

कथावाचक राधिका

कथावाचक राधिका

Magh Mela Prayagraj: मूल रूप से चित्रकूट की रहने वाली कथावाचक राधिका की उम्र अभी 25 साल ही है. वह पूरे देश में भ्रमण कर ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट- अमित सिंह

    प्रयागराज: लगभग पांच डिग्रियां प्राप्त करने वाली कथावाचिक राधिका इन दिनों माघ मेला में कथा कर रही हैं. खास बात यह है कि उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी मैथ से पढ़ाई की, और बीएड भी किया. इसके साथ अन्य डिग्रियां भी प्राप्त की. ये तमाम डिग्री लेने के बावजूद वो पूरे तरीके से अब साध्वी बन चुकी हैं.

    राधिका का उद्देश्य अब पूरे देश में लोगों को सनातन के प्रति जागरूक करना है. विशेष रूप से उन युवाओं को धर्म से जोड़ना है जो आधुनिकता और पाश्चात्य की ओर भाग रहे हैं.

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    मूल रूप से चित्रकूट की रहने वाले राधिका की उम्र अभी 25 साल ही है. वह देशभर में भ्रमण करके श्री राम कथा सुनाती हैं. राधिका कहती हैं कि आज के समय युवा पीढ़ी सनातन और संस्कृति से दूर होती जा रही है. हमारा प्रयास है कि आने वाले पीढ़ी सनातन को न सिर्फ समझे बल्कि इसे अपने मूल में स्वीकार करें. इसके लिए देश में जाकर सनातन का प्रचार प्रसार कर रहे हैं.

    पिता की विरासत को संभाला

    राधिका ने आगे बताया कि उनके पिता महामंडलेश्वर कपिल देव दास नागा जी महाराज का कुछ माह पहले निधन हो गया. बचपन से ही उनके साथ ही रहती थी. उन्हें देखते देखते वह धर्म और अध्यात्म की तरफ बढ़ने लगी. पिताजी चाहते थे कि बेटी अफसर बने तभी तो उन्होंने चित्रकूट जनपद से पढ़ाई करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय भेजा था, लेकिन राधिका के मन में बैठ गया था कि अपने सनातन धर्म के लिए काम करेंगी और इसे आगे बढ़ाएंगी.

    राधिका ने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी और एमएससी किया है, डिप्लोमा इन योग आचार्य, डी.लिट की भी पढ़ाई की. लेकिन पिता के स्वर्गवास होने के बाद पूरी तरीके से आध्यात्मिक विरासत को संभाल लिया है.

    युवाओं पर अधिक रहता है फोकस

    कथावाचक राधिका वैष्णो कहती हैं कि आज की युवा पीढ़ी हमारे इष्ट देवों के बारे में बेहद अनभिज्ञ है. कई बार वह सवाल करते हैं कि राम कौन है कृष्ण कौन है. हमें सनातन की रक्षा करने के लिए युवाओं को एकजुट करना पड़ेगा, तभी हम युवाओं को जागृत कर सकते हैं. इसीलिए मेरा विशेष रूप से युवाओं पर फोकस रहता है. और अलग-अलग स्थानों पर राम कथा के दौरान मैं उन्हें महापुरुषों के प्रति जागृत करने का प्रयास करती हूं. उन्होंने महिलाओं के लिए कहा कि आज महिलाएं हर काम में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. बस इसलिए वह आगे बढ़ी और नकारात्मक बोलने वालों को नजरअंदाज करते हुए कथा वाचिका बन गई.

    Tags: Prayagraj News, Up news in hindi

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