जब भगवान श्री राम ने दिया हनुमान जी को मृत्यु दंड, नारद मुनि ने बचाए प्राण!
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पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार दरबार में चर्चा हो रही थी कि राम अधिक शक्तिशाली हैं या राम का नाम. नारद मुनि ने राम नाम को अधिक शक्तिशाली बताया तो सभी ने राम को शक्तिशाली बताया. हनुमान जी एकदम चुपचाप बैठे हुए थे.
श्रीराम के सुख-दुख में हनुमान जी हमेशा उनके साथ रहे. Image- Canva
Ramayan: हिंदू धर्म में महावीर हनुमान को कलयुग के देवता माना जाता है. हनुमान जी के पास ऐसी दैवीय शक्तियां हैं, जो अन्य देवताओं के पास नहीं है. हनुमान जी ने कई पराक्रमी असुरों व राक्षसों का वध किया. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि हनुमान जी की कई पौराणिक कथा प्रचलित हैं. हनुमान जी श्रीराम के सबसे परम भक्त रहे हैं. श्रीराम के सुख-दुख में हनुमान जी उनके साथ रहे और प्रेम व भक्तिभाव से उनकी सेवा की, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब श्रीराम ने हनुमान जी को मृत्यु दंड दिया था, जिसकी कथा इस प्रकार है.
राम बड़े या राम नाम?
एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद श्रीराम अयोध्या के राजा बने थे, तब एक समय दरबार में सभा का आयोजन था. सभा में सभी देवतागण और गुरु मौजूद थे. दरबार में चर्चा हो रही थी कि राम अधिक शक्तिशाली हैं या राम का नाम. नारद मुनि ने राम नाम को अधिक शक्तिशाली बताया तो सभी ने राम को शक्तिशाली बताया. हनुमान जी एकदम चुपचाप बैठे हुए थे.
एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद श्रीराम अयोध्या के राजा बने थे, तब एक समय दरबार में सभा का आयोजन था. सभा में सभी देवतागण और गुरु मौजूद थे. दरबार में चर्चा हो रही थी कि राम अधिक शक्तिशाली हैं या राम का नाम. नारद मुनि ने राम नाम को अधिक शक्तिशाली बताया तो सभी ने राम को शक्तिशाली बताया. हनुमान जी एकदम चुपचाप बैठे हुए थे.
हनुमान जी ने कर दी भूल
सभा खत्म होने के बाद नारद मुनि ने हनुमान जी से कहा कि सभी ऋषि मुनियों को नमस्कार करें, परंतु ऋषि विश्वामित्र को ना करें. इस बारे में हनुमान जी ने पूछा कि ऋषि विश्वामित्र को नमस्कार क्यों नहीं करना है, तब नारद जी ने कहा कि वह पहले राजा हुआ करते थे, उनकी गिनती ऋषियों में नहीं होती. नारद जी के कहे अनुसार हनुमान जी ने सभी ऋषि मुनियों को नमस्कार किया और ऋषि विश्वामित्र को छोड़ दिया. इस बात से ऋषि विश्वामित्र क्रोधित हो गए और उन्होंने श्रीराम को बताया. ऋषि विश्वामित्र ने यह भी कहा कि इस भूल के लिए हनुमान को मृत्यु दंड दिया जाएं. श्रीराम बड़ी दुविधा में फंस गए, क्योंकि वह अपने गुरु की बात टाल नहीं सकते थे.
सभा खत्म होने के बाद नारद मुनि ने हनुमान जी से कहा कि सभी ऋषि मुनियों को नमस्कार करें, परंतु ऋषि विश्वामित्र को ना करें. इस बारे में हनुमान जी ने पूछा कि ऋषि विश्वामित्र को नमस्कार क्यों नहीं करना है, तब नारद जी ने कहा कि वह पहले राजा हुआ करते थे, उनकी गिनती ऋषियों में नहीं होती. नारद जी के कहे अनुसार हनुमान जी ने सभी ऋषि मुनियों को नमस्कार किया और ऋषि विश्वामित्र को छोड़ दिया. इस बात से ऋषि विश्वामित्र क्रोधित हो गए और उन्होंने श्रीराम को बताया. ऋषि विश्वामित्र ने यह भी कहा कि इस भूल के लिए हनुमान को मृत्यु दंड दिया जाएं. श्रीराम बड़ी दुविधा में फंस गए, क्योंकि वह अपने गुरु की बात टाल नहीं सकते थे.
श्रीराम ने दिया मृत्यु दंड
इसके बाद श्रीराम ने ऋषि विश्वामित्र की बात मानते हुए हनुमान जी को मृत्यु दंड देने का निश्चय किया. हनुमान जी इसका उपाय नारद मुनि से पूछा. तब नारद मुनि ने कहा कि आप राम नाम का जाप करना शुरू कर दें. हनुमान जी ने ऐसा किया. श्रीराम ने हनुमान पर धनुष बाण तान दिया. लेकिन, श्रीराम के तीरों का हनुमान पर कोई असर नहीं हुआ. श्रीराम ने ब्रह्माण्ड के सबसे शक्तिशाली शस्त्र ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया, लेकिन हनुमान पर इसका भी कोई असर नहीं हुआ. इसी बीच नारद मुनि ने ऋषि विश्वामित्र को हनुमान जी को क्षमा करने का अनुरोध किया. जिसके बाद उन्होंने हनुमान जी को क्षमा कर दिया.
इसके बाद श्रीराम ने ऋषि विश्वामित्र की बात मानते हुए हनुमान जी को मृत्यु दंड देने का निश्चय किया. हनुमान जी इसका उपाय नारद मुनि से पूछा. तब नारद मुनि ने कहा कि आप राम नाम का जाप करना शुरू कर दें. हनुमान जी ने ऐसा किया. श्रीराम ने हनुमान पर धनुष बाण तान दिया. लेकिन, श्रीराम के तीरों का हनुमान पर कोई असर नहीं हुआ. श्रीराम ने ब्रह्माण्ड के सबसे शक्तिशाली शस्त्र ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया, लेकिन हनुमान पर इसका भी कोई असर नहीं हुआ. इसी बीच नारद मुनि ने ऋषि विश्वामित्र को हनुमान जी को क्षमा करने का अनुरोध किया. जिसके बाद उन्होंने हनुमान जी को क्षमा कर दिया.
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अंशुमाला
अंशुमाला हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा होल्डर हैं. इन्होंने YMCA दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म की पढ़ाई की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 13 वर्षों से काम कर रही हैं. न्यूज 18 हिंदी में फरवरी 2022 से लाइफस्टाइ...और पढ़ें
अंशुमाला हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा होल्डर हैं. इन्होंने YMCA दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म की पढ़ाई की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 13 वर्षों से काम कर रही हैं. न्यूज 18 हिंदी में फरवरी 2022 से लाइफस्टाइ... और पढ़ें
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