शनि जयंती (Shani Jayanti) 30 मई सोमवार को मनाई जाएगी. इस दिन सोमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत भी हैं. ज्येष्ठ अमावस्या को सूर्य पुत्र शनि देव का जन्म हुआ था. वे कर्मफलदाता हैं, लोगों को उनके किए गए कार्यों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव आता है. इसमें व्यक्ति परेशान होता है, उसके कर्मों का फल प्राप्त होता है. कहते हैं कि जिस पर शनि की दृष्टि पड़ती है, उसका बुरा वक्त उसी समय से शुरु हो जाता है. हालांकि आप शनि जयंती के अवसर पर कुछ उपायों को करके शनि की पीड़ा से राहत पा सकते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष से राहत या शांति पाने के उपायों के बारे में.
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1. शनि जयंती शनि देव का जन्मदिवस है. कहते हैं कि अपने जन्मदिन पर हर व्यक्ति प्रसन्न रहता है, तो शनि जयंती शनि देव की कृपा प्राप्त करने का अच्छा अवसर है. इस दिन आप शनि देव की पूजा उनके प्रिय नीले रंग के फूल, शमी के पत्ते, काला तिल, सरसों के तेल आदि से करें. फिर शनि देव से ग्रह दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या की पीड़ा से राहत प्रदान करने की प्रार्थना करें. शनि देव की कृपा प्राप्त होगी.
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2. शनि जयंती के दिन किसी भी शनि मंदिर में जाकर शनि देव को प्रणाम करें. एक बड़े दीपक में सरसों का तेल भर लें. उसमें अपनी छाया देखें और दान कर दें. छाया दान करने से साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है, कष्ट और दुख दूर होते हैं.
3. शनि देव की पीड़ा को दूर करने के लिए हनुमान जी ने उनको सरसों का तेल लगाया था. ऐसे में आप शनि जयंती पर शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें या उससे उनका अभिषेक करें. आपको साढ़ेसाती और ढैय्या की पीड़ा से राहत मिलेगी.
4. शनि जयंती पर सरसों के तेल में काला तिल डालकर शनि देव को अर्पित करें या सरसों के तेल में 2 लौंग डालकर शनि देव को चढ़ाएं. शनि कृपा से ग्रह दोष और कष्ट दूर होंगे, धन लाभ का योग बनेगा.
5. शनि जयंती के अवसर पर शाम को शमी के पेड़ या फिर पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं. शनि कृपा से साढ़ेसाती, ढैय्या और ग्रह दोष में शांति मिलेगी.
6. शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या की पीड़ा से राहत पाने के लिए शनि बीज मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का जाप करें.
7. शनि जयंती पर आप शनि देव की पूजा करने के बाद काला जूता या चप्पल, काला या नीला कपड़ा, उड़द, काला तिल, लोहा, स्टील और शनि चालीसा का दान किसी गरीब जरूरतमंद व्यक्ति को करें. आप पर शनि देव प्रसन्न होंगे और सभी कष्टों से मुक्ति प्रदान करेंगे.
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