18 मार्च शनिवार को श्रवण नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग है.
18 मार्च शनिवार के दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसमें आप शनि देव की पूजा करके साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रकोप से राहत पा सकते हैं. शनिवार का दिन शनि देव की आराधना के लिए है. इस दिन पापमोचनी एकादशी व्रत है. सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, श्रवण नक्षत्र समेत 4 शुभ संयोग बन रहे हैं. इसमें शनि आराधना करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और कष्टों से भी मुक्ति मिलेगी.
शनिवार को श्रवण नक्षत्र का संयोग
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि 18 मार्च शनिवार को श्रवण नक्षत्र है. यह पूरे दिन है. श्रवण नक्षत्र के सभी चरण मकर राशि में होते हैं और इस नक्षत्र के स्वामी स्वयं शनि देव हैं. वे मकर राशि के भी स्वामी हैं. इस नक्षत्र पर शनि का प्रभाव होता है. शनिवार का दिन और श्रवण नक्षत्र शनि की पूजा तथा उनकी कृपा पाने के लिए अच्छा है.
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सर्वार्थ सिद्धि योग समेत 3 शुभ योग
शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 28 मिनट से देर रात 12 बजकर 29 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जिस भी मनोकामना से शनि देव की पूजा करेंगे, शनि देव उसे पूर्ण कर देंगे. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल होते हैं.
इसके अलावा शनिवार को शिव योग है, जो प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 54 मिनट तक है. शिव योग साधना, तपस्या आदि के लिए उत्तम होता है. शिव योग के बाद से सिद्ध योग होगा.
शनि के उपाय
1. इस शनिवार को शुभ संयोग बन रहे हैं, ऐसे में आप शनि देव की पूजा करें. उनको काला तिल, सरसों का तेल, नीला वस्त्र आदि अर्पित करें. शनि चालीसा का पाठ करें. शनि देव आपको कष्टों से मुक्ति देंगे.
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2. शनिवार को शनि रक्षा स्तोत्र का पाठ करना भी लाभदायक रहेगा. उसके बाद शनि देव से साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि दोष से रक्षा की प्रार्थना करें.
3. शनिवार को गरीब या जरुरतमंद लोगों को काला छाता, कंबल, उड़द, शनि चालीसा, काला तिल, जूता, चप्पल आदि का दान करें. इन वस्तुओं के दान से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
4. शनिवार के दिन काले कुत्ते को तेल चुपड़ी हुई रोटी खिलाते हैं तो उससे भी लाभ होता है.
5. शनिवार को पीपल के पेड़ या शमी के पेड़ की पूजा करें, जल अर्पित करें और सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं. शनि देव प्रसन्न रहेंगे.
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