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Sheetala Ashtami: शीतला अष्टमी पर रोगमुक्त होने के लिए करें ये उपाय, देहरादून के ज्योतिषाचार्य से जानें सब

Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी आज है. वहीं, देहरादून के पंडित उदय शंकर पांडे ने कहा कि इस बार शीतला अष्टमी के दिन ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट- हिना आज़मी

    देहरादून. वैसे तो हर महीने में दो बार अष्टमी तिथि आती है. दरअसल एक बार कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है. हालांकि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अष्टमी का खास महत्व होता है. इसे शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2023) कहा जाता है और यह आज (15 मार्च) है. यह होली के आठवें दिन मनाई जाती है. शीतला मां को आरोग्य की देवी कहा जाता है यानी वह रोग मुक्त करती हैं. अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो शीतला अष्टमी के दिन कुछ उपाय कर आप बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं.

    देहरादून के ज्योतिषाचार्य पंडित उदय शंकर पांडे ने शीतला अष्टमी का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि इस बार शीतला अष्टमी के दिन शुभ संयोग बन रहा है, क्योंकि सूर्य देव कुंभ से मीन में जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि शीतला या शीत यानी ज्वर को ठंडा करने वाली अर्थात रोगों को दूर करने वाली देवी शीतला देवी हैं.

    पंडित उदय शंकर पांडेका कहना है कि शरीर की सेहत उसके उदर यानी पेट से जुड़ी होती है. सभी बीमारियों का केंद्र भी यही होता है. इसे ठंडा यानी शीत और सुचारू रखने के लिए शीतला माता का पूजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए मालपुआ, हलवा और पूरी जैसे व्यंजन एक दिन पहले बनाकर मां शीतला को शीतला अष्टमी के दिन भोग लगाया जाता है, जिससे मां प्रसन्न होकर सभी बीमारियों को दूर करती हैं. शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए कुछ नियम और उपाय हैं, जिन्हें यदि सही से किया जाए तो व्यक्ति आरोग्य का आशीर्वाद पा सकता है. बताते चलें कि शीतला अष्टमी को बसोड़ा भी कहा जाता है. इस दिन पूजन करने और बासी पकवानों का भोग लगाने से मां शीतला प्रसन्न होती हैं.

    मां शीतला को प्रसन्न करने के उपाय
    अगर आप मां शीतला को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो याद रखें कि अष्टमी के दिन घर में चूल्हा ना जलाएं यानी एक दिन पहले ही आप पकवान तैयार करके रख लें. अष्टमी के दिन गर्म भोजन वर्जित माना जाता है. मान्यता है कि शीतला माता चेचक रोग से मुक्ति दिलाती है.

    कुमकुम, लाल रंग के फूल और अक्षत शीतला माता को अर्पित करने से माता प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करती हैं और रोगमुक्त करती हैं. अगर आप शीतला अष्टमी के दिन शीतला मां को जल अर्पित करते हैं, तो आप थोड़ा सा जल बचा लीजिए और घर के कोने कोने में छिड़क लीजिए, इससे घर के कष्ट दूर होंगे.

    (NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)

    Tags: Dehradun news, Dharma Aastha, Religion

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